भोपाल : MP News : भोपाल में बढ़ती आपराधिक घटनाओं और खासकर छात्राओं की सुरक्षा को लेकर बाल आयोग और जिला प्रशासन ने गुरुवार को एक बैठक की। इस बैठक में एक अहम निर्णय लिया गया, जिसमें कहा गया कि निजी स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा। इस कदम का उद्देश्य स्कूलों में बढ़ते अपराधों से बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।
बाल आयोग का अहम कदम
बाल आयोग ने यह निर्णय लिया कि निजी स्कूलों में शिक्षक भर्ती के दौरान पुलिस वेरिफिकेशन करना जरूरी होगा। ऐसा न करने पर संबंधित स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, सभी स्कूलों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वे बच्चों को “गुड टच” और “बैड टच” के बारे में जानकारी दें।
सुरक्षा उपाय और हेल्पलाइन नंबर की अनिवार्यता
बैठक में यह भी तय किया गया कि स्कूलों में 1098 जैसे हेल्पलाइन नंबर चस्पा करना अनिवार्य होगा। ये हेल्पलाइन नंबर पीवीसी या पेपर पर लगाए जाने चाहिए, ताकि बच्चों को किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद मिल सके। अगर कोई स्कूल इस नियम का पालन नहीं करता है, तो उस स्कूल पर कार्रवाई की जाएगी।
वर्तमान स्थिति और बढ़ती चिंताएं
हाल ही में मध्य प्रदेश, विशेष रूप से भोपाल में कई निजी स्कूलों में मासूम बच्चियों और छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं, जिसके कारण बच्चों के अभिभावकों में डर का माहौल बन गया है। इस गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए बाल आयोग और जिला प्रशासन ने यह कदम उठाया है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
बाल आयोग के इस निर्णय पर सियासी हलकों में भी प्रतिक्रिया हो रही है। सत्तारूढ़ दल ने इस कदम का स्वागत किया है, जबकि विपक्ष ने राज्य में बच्चों के खिलाफ हिंसा के 4,000 पेंडिंग केसों पर सवाल उठाए हैं। विपक्ष का कहना है कि इन मामलों पर कब न्याय मिलेगा, जबकि सरकार बच्चों की सुरक्षा के लिए सिर्फ नए नियम बना रही है।
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