Mauni Amavasya 2025 : माघ माह की अमावस्या, जिसे मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है, इस साल 29 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। यह साल की पहली अमावस्या है और महाकुंभ 2025 का तीसरा अमृत स्नान भी इसी दिन होने के कारण इसका विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और पेड़-पौधों की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने और जीवन से दुखों को दूर करने का दिन माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु, शिव, और माता लक्ष्मी की आराधना करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही, पेड़-पौधों की पूजा करके सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया जा सकता है।
पेड़-पौधों की पूजा और उनके लाभ
1. तुलसी की पूजा
- महत्व:
तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में पवित्र माना गया है और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा पाने का माध्यम है। - पूजन विधि:
- तुलसी के पास दीपक जलाएं।
- तुलसी में पानी के साथ कच्चा दूध अर्पित करें।
- लाल कलावा बांधकर प्रार्थना करें।
- लाभ:
जीवन की परेशानियां दूर होती हैं और घर में सुख-शांति आती है।
2. पीपल की पूजा
- महत्व:
पीपल के मूल में भगवान विष्णु, तने में शिव जी और अग्रभाग में ब्रह्माजी का वास माना जाता है। - पूजन विधि:
- पीपल के पेड़ पर जल और दूध अर्पित करें।
- सात बार परिक्रमा करें।
- दीपक जलाकर पितरों को याद करें।
- लाभ:
पितरों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन से दुख दूर होते हैं।
3. बेलपत्र की पूजा
- महत्व:
बेलपत्र का पेड़ भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और इसे शुभ फलदायक माना जाता है। - पूजन विधि:
- बेलपत्र की विधिपूर्वक पूजा करें।
- जल चढ़ाकर शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करें।
- इस दिन बेलपत्र का पौधा घर या मंदिर के पास लगाएं।
- लाभ:
जीवन में सुख-समृद्धि आती है और अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं।
मौनी अमावस्या पर अन्य शुभ कार्य
- गंगा स्नान और दान:
- मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है।
- जरूरतमंदों को अनाज, वस्त्र, और धन का दान करें।
- ध्यान और मौन व्रत:
- इस दिन मौन व्रत रखने से आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होता है।
- पितरों की पूजा:
- पितरों को याद करते हुए दीपदान और तर्पण करें।
मौनी अमावस्या का दिन आत्मशुद्धि, पितरों के आशीर्वाद और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का अवसर है। तुलसी, पीपल और बेलपत्र जैसे पवित्र पेड़-पौधों की पूजा करने से न केवल धार्मिक पुण्य मिलता है, बल्कि जीवन में शांति और समृद्धि भी आती है। इस दिन की जाने वाली पूजा-अर्चना और कर्म हमें दुखों से मुक्ति दिलाकर जीवन को सुखमय बनाते हैं।
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