
Mahakumbh 2025 : महाकुंभ का दूसरे अमृत स्नान कब ? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और नियम....
महाकुंभ अमृत स्नान 2025: महाकुंभ, जो विश्व का सबसे बड़ा मेला है, जल्द ही उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आरंभ होने जा रहा है। इस महापर्व की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। मकर संक्रांति से लेकर महाशिवरात्रि तक चलने वाला यह मेला लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां लोग पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए आते हैं और विशेष रूप से अमृत स्नान का महत्व होता है, जिसमें सबसे पहले साधु-संत और फिर आम लोग डुबकी लगाते हैं। मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान स्नान करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और पापों से मुक्ति मिलती है।
अमृत स्नान 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य अंशुल त्रिपाठी के अनुसार, महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या के दिन होगा। पंचांग के अनुसार, माघ माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या 28 जनवरी को शाम 07:35 बजे से प्रारंभ होगी और 29 जनवरी को शाम 06:05 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार, मौनी अमावस्या 29 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन अमृत स्नान के लिए तीन शुभ मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं:
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:25 से 06:18 तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:22 से 03:05 तक
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 05:55 से 06:22 तक
अमृत स्नान के नियम
अमृत स्नान के दौरान कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना आवश्यक है, अन्यथा मनचाहे फल की प्राप्ति नहीं होती है:
- साफ-सफाई: स्नान करते समय साबुन और शैम्पू का उपयोग नहीं करना चाहिए। केवल प्राकृतिक रूप से पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए।
- दान: महाकुंभ के दौरान अन्न, धन, और वस्त्र दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और यह अत्यंत शुभ माना जाता है।
- दीप दान: अमृत स्नान के समय दीप दान का विशेष महत्व है। इसे करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है।
- आस्था और भक्ति: स्नान करते समय श्रद्धा और भक्ति का भाव रखना चाहिए। मन को शांत और पवित्र रखना आवश्यक है।
- पवित्रता: स्नान के बाद शारीरिक और मानसिक पवित्रता बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
महाकुंभ एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महापर्व है, जिसमें लाखों श्रद्धालु अपनी आस्था और विश्वास के साथ भाग लेते हैं। अमृत स्नान इस मेले का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो श्रद्धालुओं को पवित्रता और मोक्ष की ओर मार्गदर्शित करता है। इन नियमों का पालन कर श्रद्धालु इस पवित्र स्नान का पूरा लाभ उठा सकते हैं।