
Mahakumbh 2025: काशी में होगी साधु-संतों की होली, जानें फिर कहां गायब हो जाएंगे नागा साधू...
प्रयागराज। Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ मेले का आकर्षण और सनातन परांपरा की अगुवाई करने वाले शैव अखाड़े अब तीर्थराज प्रयाग से विदा लेकर अपने अलग गंतव्य की तरफ कूच कर रहे है। कुंभ से विदाई से पहले अखाड़ों ने अपने विधि-विधान के साथ इष्टदेव की पूजा-अर्चना करते हुए भभूत से अपना श्रृंगार किया।
Mahakumbh 2025: कुंभ 2025 से अखाड़ों ने विदा लेने से पहले अखाड़े में स्थापित धर्मध्वजा का पूजा की और परम्परा के मुताबिक कड़ी-चावल का प्रसाद वितरित किया। इस विदा बेला पर साधु-संतों को फूलों का हार पहनाकर वहां मौजूद लोगों ने आशीर्वाद लिया है। निरंजनी अखाड़े को विदाई देते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष स्वामी रविंद्र पुरी का विशेष स्वागत किया गया और उन्होंने वहां मौजूद सभी श्रद्धालुओं को एकता और समरसता बनाए रखने का संदेश दिया।
Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में 144 साल बाद अद्भुत संयोग में 13 अखाड़ों ने अमृत स्नान (शाही स्नान) किया है। कुंभ का आखिरी अमृत स्नान बसंत पंचमी यानी 4 फरवरी को था। अंतिम शाही स्नान के बाद कुंभ मेले से अखाड़ों की धर्मध्वजा ढीली होने के साथ ही अखाड़ों का सामान हटना शुरू हो गया है। विदाई से पहले अखाड़ों ने पूजा करने के बाद कड़ी-पकौड़ी और चावल का भोग लगाया और भंडारा किया।
Mahakumbh 2025: अखाड़ों की परंपरा के मुताबिक नियमों का निर्वाहन करने के बाद सभी नागा साधु-संत भी कुंभ नगरी प्रयागराज से विदा और वाराणसी कूच कर गए। बाबा की नगरी काशी में यह अखाड़े होली उत्सव मनाएंगे और उसके बाद हरिद्वार चले जायेंगे और वहां रहकर आगामी उज्जैन कुंभ मेले की तैयारी शुरू कर देंगे।
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