
Mahakumbh 2025 : बाबा बागेश्वर का बड़ा बयान, माला और भाला दोनों जरूरी...
Mahakumbh 2025 : महाकुंभ 2025 के दौरान बागेश्वर धाम के प्रमुख, बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, ने बांग्लादेश के मौजूदा हालातों पर एक अहम बयान दिया है। बाबा बागेश्वर ने अपने इंटरव्यू में कहा कि बांग्लादेश के हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं और वहां धार्मिक और सामाजिक तनाव गहराता जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस स्थिति में भारत को सतर्क और तैयार रहने की जरूरत है।
बांग्लादेश के हालातों पर बाबा का बयान
बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बांग्लादेश की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि वहां धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा की घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में हालात खराब हो रहे हैं। हमें माला (प्रार्थना) और भाला (सुरक्षा) दोनों के लिए तैयार रहना होगा। मैं किसी को युद्ध के लिए प्रेरित नहीं कर रहा हूं, लेकिन अगर हम पर कोई हमला होता है तो हमें बचाव के लिए तत्पर रहना चाहिए।”
उनके इस बयान को सुरक्षा और धार्मिक मुद्दों के संदर्भ में देखा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि शांति और सह-अस्तित्व के प्रयास करने चाहिए, लेकिन यदि कोई चुनौती सामने आती है, तो उससे निपटने के लिए मजबूत और संगठित होना जरूरी है।
बांग्लादेश में बढ़ती अस्थिरता
बाबा ने अपने बयान में बांग्लादेश में धार्मिक और सांस्कृतिक समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों पर बढ़ते हमले और अस्थिरता न केवल बांग्लादेश के लिए बल्कि पड़ोसी देशों के लिए भी चिंता का विषय है। बाबा ने इस बात पर जोर दिया कि इन स्थितियों को देखते हुए भारत को अपने देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने और अपने नागरिकों को तैयार रखने की आवश्यकता है।
‘माला और भाला दोनों जरूरी’ का मतलब
बाबा ने अपने बयान में ‘माला और भाला’ का उल्लेख किया, जो उनके संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है।
- माला (प्रार्थना): उन्होंने कहा कि हमें भगवान पर विश्वास रखना चाहिए और शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। धर्म और आध्यात्मिकता के जरिए समाज को एकजुट और मजबूत करना जरूरी है।
- भाला (सुरक्षा): बाबा ने कहा कि सिर्फ प्रार्थना से काम नहीं चलेगा। यदि देश पर या समाज पर कोई खतरा आता है, तो हमें अपनी सुरक्षा के लिए भी तैयार रहना होगा।
युद्ध की नहीं, आत्मरक्षा की बात
बाबा बागेश्वर ने यह साफ किया कि वह किसी को युद्ध के लिए उकसा नहीं रहे हैं। उनका उद्देश्य केवल यह बताना है कि यदि भारत पर कोई हमला होता है या कोई चुनौती सामने आती है, तो हमें आत्मरक्षा के लिए तत्पर रहना चाहिए। उनका यह बयान राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के विचार को बल देता है।
महाकुंभ में उमड़ी भक्तों की भीड़
महाकुंभ में बाबा बागेश्वर के दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचे। इस मौके पर बाबा ने केवल आध्यात्मिक विषयों पर चर्चा नहीं की, बल्कि समसामयिक मुद्दों पर भी अपनी राय साझा की। बाबा ने कहा कि धर्म और राष्ट्रवाद को एक साथ जोड़कर समाज को सही दिशा में ले जाने का प्रयास करना चाहिए।
शांति और सुरक्षा का संदेश
बाबा ने अपने संदेश में शांति और सुरक्षा दोनों को प्राथमिकता दी। उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने अंदर आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति का विकास करना चाहिए ताकि किसी भी संकट का सामना कर सकें।
बांग्लादेश-भारत संबंधों पर प्रभाव
बांग्लादेश के मौजूदा हालातों का भारत पर भी असर पड़ सकता है। सीमावर्ती इलाकों में तनाव और अस्थिरता के कारण भारत को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी पड़ रही है। बाबा बागेश्वर का यह बयान इन संबंधों के प्रति सजगता को दर्शाता है।
बाबा बागेश्वर की प्रेरणा
बाबा बागेश्वर का मानना है कि आध्यात्मिक शक्ति और आत्मरक्षा दोनों का संतुलन बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने कहा, हमारा धर्म हमें शांति सिखाता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हम अपनी सुरक्षा के प्रति लापरवाह हो जाएं। आत्मनिर्भर और जागरूक समाज ही देश को सुरक्षित और शक्तिशाली बना सकता है।
महाकुंभ में बाबा बागेश्वर का यह बयान न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है, बल्कि देश की सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता पर भी एक गहरा संदेश देता है। उनका ‘माला और भाला’ का विचार संतुलित और प्रभावी दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें शांति और आत्मरक्षा दोनों का महत्व है। बाबा का यह संदेश केवल भारत ही नहीं, बल्कि समूचे विश्व के लिए प्रेरणादायक है, जो शांति और सुरक्षा के बीच सामंजस्य स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर देता है।
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