
LCA Tejas Mk-1A Fighter Jet
LCA Tejas Mk-1A Fighter Jet: नई दिल्ली: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) जून 2025 तक भारतीय वायुसेना (IAF) को पहला LCA तेजस Mk-1A फाइटर जेट सौंपने की तैयारी में है। यह भारत के स्वदेशी रक्षा निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे वायुसेना की ताकत में आधुनिक तकनीक के साथ इज़ाफा होगा।
LCA Tejas Mk-1A Fighter Jet: विशेषताएं और क्षमताएं
LCA तेजस Mk-1 का यह उन्नत संस्करण मिग-21 जैसे पुराने विमानों की जगह लेगा। इसे एक मल्टीरोल फाइटर के रूप में डिज़ाइन किया गया है।
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गति: मैक 1.8 (~2,200 किमी/घंटा)
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रेंज: 1,850 किमी (एयर-टु-एयर रिफ्यूलिंग के साथ और अधिक)
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इंजन: GE F404-IN20 (85 kN थ्रस्ट)
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अधिकतम टेक-ऑफ वजन: 13,500 किग्रा
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हथियार: Astra BVR मिसाइल, ब्रह्मोस-NG, 23 मिमी तोप
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सेंसर: EL/M-2052 AESA रडार, स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक सूट
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कीमत: ₹580 करोड़ प्रति यूनिट (अनुमानित)
LCA Tejas Mk-1A Fighter Jet: मजबूत पक्ष
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स्वदेशी निर्माण: 65% से अधिक पुर्जे भारत में निर्मित
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कम लागत: F-35 और Su-57 जैसे विदेशी विकल्पों से किफायती
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मल्टीरोल क्षमता: हवा से हवा, जमीन और नौसेना पर हमला करने की क्षमता
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उन्नत तकनीक: इजरायली AESA रडार और स्वदेशी डेटा लिंक
LCA Tejas Mk-1A Fighter Jet: चुनौतियां
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इंजन आपूर्ति में देरी: GE द्वारा F404-IN20 इंजन की डिलीवरी दो साल पीछे
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सीमित रेंज: कुछ विदेशी विमानों की तुलना में कम
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उत्पादन की गति: IAF की मांग के अनुसार आपूर्ति चुनौतीपूर्ण
LCA Tejas Mk-1A Fighter Jet: नासिक में तेजस निर्माण की नई शुरुआत
HAL ने नासिक में तेजस Mk-1A के लिए तीसरी उत्पादन लाइन शुरू की है, जो सालाना 8 जेट्स बना सकती है। बेंगलुरु की दो मौजूदा लाइनों के साथ कुल क्षमता अब 24 जेट्स प्रति वर्ष है। मिग-21 और Su-30 MKI का निर्माण कर चुकी नासिक सुविधा अब इस आधुनिक लड़ाकू विमान की असेंबली कर रही है।
प्रमुख भागीदार: VEM टेक्नोलॉजीज, L&T, टाटा जैसे निजी क्षेत्र की कंपनियां भी उत्पादन श्रृंखला में शामिल हैं। मई 2025 में पहला सेंटर फ्यूजलेज तैयार हुआ है।
LCA Tejas Mk-1A Fighter Jet: इंजन आपूर्ति में देरी और HAL की रणनीति
GE के साथ $716 मिलियन का अनुबंध 99 इंजनों के लिए हुआ था। लेकिन कोविड-19 और सप्लाई चेन संकट के कारण केवल मार्च 2025 में पहला इंजन मिला। इससे डिलीवरी शेड्यूल मार्च 2024 से बढ़ाकर जून 2025 कर दिया गया। HAL ने पहले से मौजूद रिजर्व इंजनों से मार्च 2024 में तेजस Mk-1A की पहली परीक्षण उड़ान सफलतापूर्वक की थी।
LCA Tejas Mk-1A Fighter Jet: डिलीवरी प्लान और भविष्य की दिशा
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2025: HAL 11 तेजस Mk-1A सौंपेगा
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2025-26: 16 से 24 जेट्स डिलीवर होंगे
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GE इंजन डिलीवरी:
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2025-26 में 12 इंजन
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2026-27 में 20 इंजन
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IAF का ऑर्डर:
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पहले चरण में 83 जेट्स (₹48,000 करोड़)
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संभावित विस्तार में 97 अतिरिक्त जेट्स (₹67,000 करोड़)
तेजस Mk-1A के बाद Mk-2 और स्वदेशी स्टील्थ फाइटर AMCA भारत की वायुसेना को आत्मनिर्भरता और तकनीकी श्रेष्ठता की ओर और मजबूत करेंगे।
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