
India-France Defence Deal
India-France Defence Deal: नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़े तनाव के बीच भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने का फैसला किया है। सोमवार को भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए 63 हजार करोड़ रुपये की विशाल डील पर हस्ताक्षर होने जा रहे हैं। इस ऐतिहासिक समझौते पर नई दिल्ली में दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे। यह सौदा भारत और फ्रांस के बीच हथियारों की खरीद के मामले में अब तक का सबसे बड़ा समझौता है।
India-France Defence Deal: कैबिनेट ने दी थी मंजूरी
इस मेगा डील को लेकर तैयारियां पिछले कुछ समय से चल रही थीं। 9 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट समिति की बैठक में 26 राफेल मरीन विमानों की खरीद को मंजूरी दी गई थी। इसके बाद 23 अप्रैल 2025 को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने इस सौदे को अंतिम स्वीकृति प्रदान की। इस अनुबंध के तहत 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर जेट्स शामिल हैं। साथ ही, बेड़े के रखरखाव, रसद सहायता, कर्मियों के प्रशिक्षण और स्वदेशी घटक निर्माण के लिए एक व्यापक पैकेज भी इस डील का हिस्सा है।
India-France Defence Deal: INS विक्रांत पर तैनात होंगे राफेल जेट्स
ये 26 राफेल मरीन जेट्स भारतीय नौसेना के लिए खरीदे जा रहे हैं और इन्हें स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। ये जेट्स भारतीय महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती चुनौतियों का सामना करने में अहम भूमिका निभाएंगे। इनका मुख्य बेस विशाखापत्तनम में स्थित INS देगा होगा। भारतीय नौसेना को इन जेट्स का पहला बैच 2029 के अंत तक मिलने की उम्मीद है, जबकि पूरा बेड़ा 2031 तक नौसेना में शामिल हो जाएगा।
India-France Defence Deal: राफेल मरीन जेट्स की विशेषताएं
राफेल मरीन जेट्स भारतीय वायुसेना के मौजूदा राफेल जेट्स से कहीं अधिक उन्नत हैं। इन जेट्स में अधिक शक्तिशाली इंजन लगे हैं, जो इन्हें INS विक्रांत के स्की-जंप से उड़ान भरने में सक्षम बनाते हैं। इनकी लंबाई 15.27 मीटर और वजन 10,600 किलोग्राम है। ये जेट्स 1,912 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकते हैं और 50,000 फीट की ऊंचाई तक पहुंच सकते हैं।
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