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बंगलूरू: आईटी पेशेवर अतुल सुभाष की आत्महत्या का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। अतुल की मां, अंजू मोदी ने अपने चार साल के पोते व्योम की कस्टडी को लेकर सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है। उनका आरोप है कि सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया और उनके परिवार ने अब तक यह नहीं बताया कि बच्चा कहां है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है।
आत्महत्या से पहले अतुल सुभाष ने एक घंटे से ज्यादा का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा किया था, जिसमें उन्होंने पत्नी निकिता सिंघानिया, सास, साले और संबंधित जज पर गंभीर आरोप लगाए थे। 9 दिसंबर 2024 को अतुल ने खुदकुशी कर ली थी और उसने सुसाइड नोट में इन सभी आरोपों का उल्लेख किया था।
अंजू मोदी ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि निकिता सिंघानिया को जेल भेजे जाने के बाद अब उसका बेटा असुरक्षित है। साथ ही, उन्होंने यह आरोप लगाया कि सिंघानिया परिवार ने बच्चे की खोज में बाधा डाली है। सुभाष के पिता पवन कुमार ने भी बच्चे की कस्टडी की मांग की है और आरोप लगाया कि अतुल को झूठे कानूनी मामलों में फंसाकर उसे परेशान किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी 2024 को तय की है और इस दौरान सरकारों को स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है। अतुल के भाई विकास ने भी आरोप लगाया कि इस घटना के पीछे जो लोग जिम्मेदार हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
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