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Hanuman Jayanti 2025: हनुमान जयंती हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन बजरंगबली की आराधना करने से व्यक्ति के सभी दुख और संकट समाप्त हो जाते हैं। विधिपूर्वक पूजन करने से भगवान हनुमान का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
हनुमान जयंती 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
तिथि: चैत्र पूर्णिमा, 2025
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:56 बजे से दोपहर 12:48 बजे तक
हनुमान जयंती पर पूजा विधि | Hanuman Jayanti 2025 Puja Vidhi
स्नान और संकल्प:
- इस दिन प्रातः स्नान कर लाल वस्त्र धारण करें।
- मन में हनुमान जी की पूजा का संकल्प लें।
भगवान राम और माता सीता की पूजा:
- हनुमान जी के साथ भगवान श्रीराम और माता सीता की पूजा करना शुभ माना जाता है।
- पूजा के लिए सिंदूर, चंदन, कुमकुम, लाल पुष्प, तुलसी पत्ते और चोला अर्पित करें।
प्रसाद अर्पण:
- बूंदी के लड्डू, पान, गुड़-चना, नारियल, केले, केसर भात, खीर और जलेबी का भोग लगाएं।
- प्रसाद का वितरण करें।
हनुमान चालीसा और सुंदरकांड पाठ:
- हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और बजरंग बाण का पाठ करें।
- अंत में आरती करें और परिवार के सभी सदस्यों में प्रसाद बांटें।
चरणामृत और दान-पुण्य:
- हनुमान जी को गंगाजल और पंचामृत से स्नान कराएं।
- इस दिन गरीबों, ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और दक्षिणा दान करना शुभ माना जाता है।
हनुमान जी को प्रिय मंत्र | Hanuman Jayanti Puja Mantra
हनुमान बीज मंत्र:
“ॐ हं हनुमते नमः।”
पवनपुत्र हनुमान मंत्र:
“ॐ हं पवन नन्दनाय स्वाहा।”
रुद्रावतार हनुमान मंत्र:
“ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट।”
पंचमुखी हनुमान मंत्र:
“ॐ नमो भगवते पंचवदनाय पूर्वकपिमुखाय ठं ठं ठं ठं ठं सकल शत्रु संहारणाय स्वाहा।”
हनुमान जयंती का महत्व | Hanuman Jayanti Significance
अष्ट सिद्धि और नव निधि के दाता:
हनुमान जी को अष्ट सिद्धि और नव निधि का वरदान प्राप्त है, जिससे वे अपने भक्तों के सभी संकट दूर करते हैं।
चिरंजीवी हनुमान:
धार्मिक मान्यता के अनुसार, हनुमान जी आज भी धरती पर जीवित हैं और जो भी श्रद्धा और भक्ति से उनकी पूजा करता है, उसे आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
रोगों और शत्रुओं से रक्षा:
हनुमान जी की कृपा से रोग, शत्रु और बुरी शक्तियां जीवन में प्रभाव नहीं डालतीं।
रामभक्ति और विजय का प्रतीक:
भगवान हनुमान श्रीराम के अनन्य भक्त माने जाते हैं। उनकी भक्ति से जीवन में धैर्य, शक्ति और सफलता प्राप्त होती है।
Hanuman Jayanti 2025: इस दिन करें ये विशेष उपाय:
- सिंदूर और चमेली का तेल हनुमान जी को अर्पित करें।
- मंगलवार और शनिवार को हनुमान मंदिर में दर्शन करें।
- बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ करें।
- गरीबों को भोजन और वस्त्र का दान करें।
हनुमान जी की आरती |Hanuman Ji Ki Aarti
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपे।
रोग दोष जाके निकट न झांके।
अंजनि पुत्र महाबलदायी।
संतान के प्रभु सदा सहाई।।
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
दे बीरा रघुनाथ पठाए।
लंका जारी सिया सुधि लाए।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई।
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
लंका जारि असुर संहारे।
सियारामजी के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।
आनि संजीवन प्राण उबारे।
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
पैठी पाताल तोरि जमकारे।
अहिरावण की भुजा उखारे।
बाएं भुजा असुरदल मारे।
दाहिने भुजा संत जन तारे।
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारें।
जय जय जय हनुमान उचारें।
कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई।
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई।
तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।
जो हनुमानजी की आरती गावै।
बसी बैकुंठ परमपद पावै।
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
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