G20 Summit 2025
G20 Summit 2025: जोहान्सबर्ग। अफ्रीकी महाद्वीप में पहली बार आयोजित हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सामने पुराने विकास मॉडल की कड़वी सच्चाई रखी। उन्होंने कहा, कई दशकों से जी-20 ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को दिशा दी है, लेकिन यही मॉडल बड़ी आबादी को संसाधनों से वंचित करता रहा और प्रकृति का बेरहमी से दोहन करता रहा। इसका सबसे ज्यादा नुकसान अफ्रीका और ग्लोबल साउथ को हुआ है। अब समय आ गया है कि हम टिकाऊ, समावेशी और सभ्यतागत ज्ञान पर आधारित नया विकास मॉडल अपनाएं।
G20 Summit 2025: पीएम मोदी ने तीन क्रांतिकारी प्रस्ताव रखकर वैश्विक सहयोग की नई दिशा दिखाई:
1. ग्लोबल ट्रेडिशनल नॉलेज रिपॉजिटरी
भारत की ‘भारतीय ज्ञान प्रणालियां’ से प्रेरित एक वैश्विक डिजिटल भंडार बनाया जाए, जिसमें दुनिया भर की पारंपरिक ज्ञान-प्रणालियां संरक्षित हों। इसका मकसद टिकाऊ जीवनशैली के अनुभवों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाना है।
2. जी-20 अफ्रीका स्किल मल्टीप्लायर इनिशिएटिव
अफ्रीका के विकास को वैश्विक हित बताया और ‘ट्रेन-द-ट्रेनर’ मॉडल पर आधारित नई पहल की घोषणा की। सभी जी-20 देश मिलकर अगले 10 साल में अफ्रीका में 10 लाख प्रमाणित ट्रेनर तैयार करेंगे, जो लाखों युवाओं को रोजगारोन्मुखी कौशल देंगे।
3. ड्रग्स-आतंकवाद गठजोड़ के खिलाफ संयुक्त अभियान
सिंथेटिक ड्रग्स (जैसे फेंटानिल) और आतंकवाद के खतरनाक नेक्सस पर गहरी चिंता जताते हुए पीएम ने कहा कि जी-20 देश मिलकर तस्करी, अवैध फाइनेंस नेटवर्क और आतंकी फंडिंग पर एक साथ हमला करें। इसके लिए एक ठोस संयुक्त कार्ययोजना बनाने की जरूरत है।
G20 Summit 2025: प्रधानमंत्री ने अफ्रीका और ग्लोबल साउथ को जी-20 की मुख्यधारा में लाने पर जोर देते हुए कहा, भारत ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की भावना को न सिर्फ दोहराता है, बल्कि उसे जीता भी है। उन्होंने अफ्रीकी संघ को जी-20 का स्थायी सदस्य बनाने के भारत के पुराने समर्थन को फिर दोहराया।
G20 Summit 2025: इस ऐतिहासिक सम्मेलन में पीएम मोदी का संबोधन ग्लोबल साउथ के लिए नई उम्मीद बनकर उभरा। दुनिया अब यह देख रही है कि भारत की आवाज़ कैसे वैश्विक पटल पर समावेशी और टिकाऊ विकास की नई इबारत लिख रही है।
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