
छत्तीसगढ़ में बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों का मामला गंभीर होता जा रहा है ।हाई कोर्ट के आदेश के बाद यह स्थिति और जटिल हो गई है जिसमें कहा गया है कि प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में डीएड योग्यता वालों को प्राथमिकता दी जाए और उनकी नियुक्ति की जाए. इससे बीएड प्रशिक्षित शिक्षक खुद को हाशिये पर महसूस कर रहे हैं ।
बीएड शिक्षकों का तर्क है कि उन्होंने अपनी योग्यता के आधार पर परीक्षा पास की और मेरिट सूची में स्थान प्राप्त किया । इसके बावजूद उन्हें नौकरी से हटाने का निर्णय उनके लिए अन्यायपूर्ण है। बीएड शिक्षक मोनालिका शर्मा भावुक होकर अपनी स्थिति बयां कर रही हैं कि 15 महीने की सेवा के बाद उन्हें इस तरह हटाना उनके भविष्य और आजीविका पर गहरा प्रभाव डाल रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है दलपतसागर में विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने अपने हाथों में तख्तियां लिए यह संदेश दिया कि उन्हें न्याय की आवश्यकता है। तख्तियों पर लिखा गया “बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों का एक ही सहारा – न्याय और दया की मूर्ति विष्णुदेव सरकार की हमारा।”