
CISF जवानों की आत्महत्या में आई गिरावट : कैसे हुई 40 % से भी कम जरूर जानें
भिलाई। CISF जवानों की आत्महत्या में आई गिरावट : CISF जवानों की आत्महत्या की खबरें आए दिन सुनाने को मिलती थीं। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने इन सभी बातों पर गहन अध्ययन किया। इसके बाद इस पर सकारात्मक काम शुरू हुआ। नतीजा निकला की CISF जवानों की आत्महत्या मामले में 40% की गिरावट दर्ज़ की गई, जो कि राष्ट्रीय दर से भी कम है। ये हम नहीं बल्कि NCRB के रिकॉर्ड बता रहे हैं।
CISF जवानों की आत्महत्या में आई गिरावट : जानिए कैसे
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में जवानों की आत्महत्या एक गंभीर चिंता की बात है।अत्यधिक तनाव, लंबे समय तक परिवार से दूरी और निजी समस्याओं के अलावा कार्य जनित दबाव अक्सर इस जटिल समस्या को बढ़ाते हैं। इसी बीच केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने निरंतर सकारात्मक उपायों को लागू करके इस चैलेंज का सामना करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, इसके परिणामस्वरूप वर्ष 2024 में बल के सदस्यों की ख़ुदकुशी में काफी कमी आई है।
क्या कहते हैं NCRB के आंकड़े
NCRB के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 में राष्ट्रीय आत्महत्या दर 12.4 प्रति लाख हुआ करती थी। तो वहीं वर्ष 2024 में सीआईएसएफ में ख़ुदकुशी की दर कम हो कर 9.87 प्रति लाख रह गई है, जो कि वर्ष 2023 की तुलना में 40% कम है। पिछले पांच वर्षों में यह पहली बार है कि सीआईएसएफ में आत्महत्या दर राष्ट्रीय दर से नीचे आ चुकी है। सीआईएसएफ ने मानसिक स्वास्थ्य वाली समस्याओं का सक्रिय आधार पर समाधान करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं जिसके कारण आत्महत्याओं में काफी कमी आई है।
निजी जुड़ाव
कमांडिंग अधिकारी लगातार आदर्श वाक्य “अपने जवानों को जानें और अपने जवानों की सुनें” के अंतर्गत आत्मीयता को बढ़ावा देने के लिए ड्यूटी पोस्ट पर जाते हैं।
कंपनी कमांडर जवानों के अंदर हो रहे परिवर्तनों के संकेतों को तुरंत पहचानने व निवारण करने के लिए दैनिक ‘ब्रीफिंग-डीब्रीफिंग’ करते रहते हैं।
टेंशन मैनेजमेंट
CISF जवानों के योग में ट्रेंड 650 कर्मचारियों के माध्यम से प्रत्येक यूनिट में कम से कम एक ट्रेनर के माध्यम से योग की कक्षाएं नियमित रूप से संचालित की जाती हैं।
प्रत्येक यूनिट में जवानों और अधिकारियों के लिए एक घंटे का खेल सत्र भी होता है है।
एक ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली लागू को भी लागू किया गया है, जिसमें महानिदेशक के स्तर तक शिकायतों की समय पर निगरानी व समाधान करना संभव हुआ है।
क्या है मन परियोजना
इसके तहत 24×7 टेली-परामर्श और निजी परामर्श के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य सहायता दी जाती है। सितंबर 2024 तक, लगभग 4200 CISF बल सदस्यों को इस सुविधा के माध्यम से मदद मिली है। इसके अलावा, आपसी परामर्श की सुविधा भी लागू है। यह पहल आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट के सहयोग से शुरू गई है।
एम्स वाले भी कर रहे मानसिक स्वास्थ्य अध्ययन
एम्स, नई दिल्ली की ओऱ से व्यापक मानसिक स्वास्थ्य अध्ययन किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त कार्रवाई योग्य सिफारिशों को यूनिट स्तर पर कार्यान्वित किया जा रहा है।
बेहतर संतुलन हेतु नई पोस्टिंग नीति:
सएफ मुख्यालय ने हाल ही में किए गए एक अध्ययन से जाना है कि सभी बल सदस्यों की शिकायतों में से दो-तिहाई शिकायतें तैनाती के मामलों से संबंधित थीं, जो उनके व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करती हैं। इसके आलावा सभी लेबल पर परामर्श के बाद , दिसंबर 2024 में एक नई मानव संसाधन नीति बसीआईएनाई गई ताकि चयन आधारित पोस्टिंग के माध्यम से कार्यालयीन कार्य एवं पारिवारिक जीवन के बीच बेहतर संतुलन सु बनाया जा सके। यह नीति अराजपत्रित बल सदस्यों पर ही लागू होगी जो बल की कुल संख्या का तकरीबन 98% हैं। यह नीति महिला कर्मचारियों , विवाहित दंपत्तियों और सेवानिवृत्ति के निकट आ चुके बल सदस्यों की जरूरतों को भी पूरा करेगी।
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
Subscribe to get the latest posts sent to your email.