
Controversy Over Missi Roti
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Controversy Over Missi Roti
Controversy Over Missi Roti : भारत के पारंपरिक व्यंजन, जो अपनी स्वाद और पोषण के लिए जाने जाते हैं, को हाल ही में एक वैश्विक प्लेटफॉर्म पर गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। मिस्सी रोटी, जो भारत के कई हिस्सों में बड़े चाव से खाई जाती है, उसे Taste Atlas द्वारा जारी ‘दुनिया की सबसे खराब डिशेज’ की सूची में शामिल किया गया है। इस फैसले ने इंटरनेट पर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है।
मिस्सी रोटी भारतीय व्यंजनों का एक अहम हिस्सा है। इसे बेसन, गेहूं के आटे, और विभिन्न मसालों से तैयार किया जाता है। इसका अनोखा स्वाद और उच्च पोषण मूल्य इसे एक हेल्दी फूड विकल्प बनाता है। प्रोटीन और फाइबर से भरपूर इस रोटी को अक्सर दही, अचार या सब्जी के साथ खाया जाता है। राजस्थान, हरियाणा, और पंजाब जैसे राज्यों में यह पारंपरिक रोटी भोजन का अभिन्न हिस्सा है।
Taste Atlas ने हाल ही में ‘दुनिया की सबसे खराब डिशेज’ की सूची जारी की, जिसमें मिस्सी रोटी को शामिल किया गया। इस सूची में इसे खराब स्वाद वाली और कम पसंद की जाने वाली डिश के रूप में दर्ज किया गया है। इस रेटिंग ने भारतीय खाने के प्रेमियों को हैरान और नाराज कर दिया है।
इंटरनेट पर इस फैसले को लेकर लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। भारतीय समुदाय का कहना है कि मिस्सी रोटी का स्वाद और पोषण इसे किसी भी ‘खराब डिश’ की श्रेणी में शामिल होने से दूर रखता है।
मिस्सी रोटी न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद है।
भारतीय खाने को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली है, लेकिन ऐसी विवादित रेटिंग्स भारतीय व्यंजनों की सही तस्वीर पेश नहीं करतीं।
मिस्सी रोटी को ‘दुनिया की खराब डिश’ के रूप में सूचीबद्ध करना न केवल इस व्यंजन, बल्कि भारतीय खानपान परंपरा का भी अपमान है। ऐसे फैसलों में सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व को ध्यान में रखा जाना चाहिए। मिस्सी रोटी जैसी डिश भारतीय व्यंजनों की विविधता और समृद्धि का प्रतीक है, जो इसे दुनिया के किसी भी “सर्वश्रेष्ठ” व्यंजनों की सूची में स्थान देने के योग्य बनाती है।
भारतीय समुदाय को अपने व्यंजनों की परंपरा और महत्व को गर्व के साथ पेश करते रहना चाहिए। Taste Atlas जैसी लिस्ट्स को उनकी रेटिंग के लिए और अधिक जागरूकता और जिम्मेदारी दिखाने की जरूरत है।
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