
छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव: चुनाव चिन्हों की सूची हुई अपडेट, निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए नए प्रतीक चिन्ह
रायपुर। छत्तीसगढ़ में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव की तिथियां अब तक घोषित नहीं की गई हैं, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार ने चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। हाल ही में भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर राज्य में चुनाव चिन्हों की सूची को अपडेट किया गया है। इनमें कुछ दिलचस्प और अनूठे प्रतीक चिन्ह शामिल किए गए हैं, जिनका उपयोग निर्दलीय उम्मीदवारों को अपने चुनावी संघर्ष में करना होगा।
निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए नए और अनोखे चिन्ह
राज्य निर्वाचन आयोग ने मेयर, नगर पालिका अध्यक्ष और वार्ड के चुनाव लड़ने वाले निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए नए चिन्हों का निर्धारण किया है। इन चिन्हों में पारंपरिक प्रतीकों जैसे कमल और पंजा के अलावा, कुछ नए और अनोखे प्रतीक चिन्ह भी शामिल किए गए हैं। इनमें तरबूज, हेलमेट, कांच का गिलास, ट्यूबलाइट, अंगूठी, सेव, बाल्टी, कुंआ आदि जैसे प्रतीक चिन्ह शामिल हैं। इसके अलावा, पालिका अध्यक्ष और पार्षद के लिए सिलाई मशीन, गुब्बारा, बिस्किट, फूल गोभी और डिश एंटीना जैसे चिन्ह भी चयनित किए गए हैं।
चिन्हों की दो श्रेणियां
चिन्हों को दो श्रेणियों में बांटा गया है:
- पहली श्रेणी में: कांच का गिलास, ट्यूबलाइट, अंगूठी, सेव, बाल्टी, कुंआ, चक्की, मेज, गैस सिलेंडर, हारमोनियम, डीजल पंप, चिमनी, हीरा, बांसुरी आदि जैसे प्रतीक चिन्ह शामिल हैं।
- दूसरी श्रेणी में: सिलाई मशीन, ब्लैकबोर्ड, टेलीफोन, लैटर बॉक्स, गुब्बारा, बल्ला, साइकिल पंप, नारियल फार्म, चारपाई, कटहल, बिस्किट, कैमरा, फूल गोभी, डिश एंटीना, बिजली का खंभा, हाथगाड़ी, तकिया, हांडी, आरी, स्कूल बैग, झूला, चिमटा, तरबूज, हेलमेट, कंप्यूटर, मिक्सी, रूम कूलर, टीवी रिमोट और टेलीविजन जैसे प्रतीक चिन्ह शामिल हैं।
दलीय और निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग चिन्ह
नगरीय निकाय चुनाव दलीय आधार पर होते हैं, यानी कांग्रेस और भाजपा जैसे मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्यीय दलों को उनके तय प्रतीक चिन्ह मिलेंगे। वहीं, निर्दलीय उम्मीदवारों को चुनावी प्रतीक चिन्हों के लिए अलग से विकल्प दिए गए हैं। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव में भाग लेने वाले सभी उम्मीदवारों की पहचान स्पष्ट हो, चाहे वे किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े हों या स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रहे हों।
चुनाव की तिथियों पर स्थिति अब भी अस्पष्ट
हालांकि, चुनाव चिन्हों का निर्धारण कर लिया गया है, लेकिन नगरीय निकाय चुनाव की तिथियों के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। प्रारंभ में चुनाव जनवरी में होने की संभावना थी, लेकिन अब तक इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। राज्य निर्वाचन आयोग और सरकार दोनों ही चुनाव की तैयारियों में सक्रिय हैं, और जैसे ही चुनाव की तारीखों का ऐलान होगा, चुनाव प्रचार तेज हो जाएगा।
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