
बारदाना की कमी से किसानों की समस्याएं बढ़ी
छत्तीसगढ़ के विकासखंड दुर्गूकोंदल के विभिन्न धान खरीदी केंद्रों जैसे दुर्गूकोंदल, कोड़ेकुर्से, कोदापाखा, दमकसा, हाटकोंदल, लोहत्तर, सुरूंगदोह, चिखली, पुजारीपारा, गोंड़पाल में बारदाना की गंभीर कमी हो गई है।
- किसानों की धान तभी खरीदी जाती है जब वे 50 प्रतिशत बारदाना खुद उपलब्ध कराते हैं।
- अन्यथा, उनके धान खरीदी नहीं की जाती।
कोचियों की मनमानी, बारदाना खुले बाजार में बिक रहा
- बारदाना की कमी का फायदा कोचिया उठा रहे हैं।
- मिलर बारदाना को कोचियों को दे रहे हैं, और कोचिया किसानों को मनमानी कीमतों पर बारदाना बेच रहे हैं।
- दुर्गूकोंदल में बारदाना की कीमत 26 रुपये प्रति नग है।
सरकार की तैयारी में कमी पर किसानों का गुस्सा
किसानों जैसे रमेश, मंगलू, घनश्याम, रायसिंग, दशरथ, सोमारू ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि:
- सरकार ने बिना किसी तैयारी के धान खरीदी प्रक्रिया शुरू करवा दी है।
- धान खरीदी केंद्रों में बारदाना का प्रबंध नहीं है।
- किसानों को खाद, बीज, मजदूरी, हार्वेस्टर कटाई, थ्रेसर मिंजाई की बढ़ती लागत से भी परेशान होना पड़ रहा है।
राजनीतिक नेताओं की चेतावनी
- लैंपस प्रबंधक, जैसे जितेंद्र साहू (दुर्गूकोंदल), राकेश्वरी पुजारी (कोदापाखा) ने बताया कि:
- मिलर पर्याप्त बारदाना नहीं भेज रहे हैं।
- आधा ही बारदाना मिलता है, जिसे फिर किसानों के बीच टोकन के हिसाब से वितरित किया जाता है।
- ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष शोपसिंग आचला और आम आदमी पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष देवलाल नरेटी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि:
- सरकार और मिलर कोचियों के माध्यम से किसानों को मनमानी कीमतों पर बारदाना बेचकर पैसे कमा रहे हैं।
- बारदाना का सही स्रोत और आपूर्ति पर सरकार को जांच करनी चाहिए।
सरकार को तुरंत कदम उठाने की जरूरत
- किसानों की समस्याओं को देखते हुए सरकार को बारदाना की आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए।
- अगर सरकार समय रहते बारदाना उपलब्ध नहीं कराती, तो किसान आंदोलन करने की चेतावनी दे चुके हैं।
- किसानों का कहना है कि वे ट्रैक्टर रैली करेंगे अगर स्थिति सही नहीं होती।
- बारदाना की कमी छत्तीसगढ़ के धान खरीदी प्रक्रिया में एक गंभीर संकट पैदा कर रही है।
- सरकार को चाहिए कि वह राइस मिलरों को सटीक आदेश देकर बारदाना की उपलब्धता सुनिश्चित करे।
- सभी पक्षों को मिलकर इस मुद्दे का समाधान करना चाहिए ताकि किसानों की मेहनत का उचित मुआवजा उन्हें मिल सके।
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