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CG News: बिलासपुर: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत हो रहे घोटालों की खबरें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सख्त चेतावनी के बावजूद प्रदेश में आवास योजना के नाम पर अनियमितताएं सामने आ रही हैं। कहीं सर्वे के नाम पर पैसे वसूले जा रहे हैं, तो कहीं स्वीकृत आवास की राशि गलत खातों में डाल दी जा रही है। बिलासपुर जिले के कोटा जनपद पंचायत में भी ऐसा ही एक मामला उजागर हुआ है।
CG News: कोटा ब्लॉक की ग्राम पंचायत तेंदुवा के निवासी जियाराम विश्वकर्मा ने सुशासन तिहार में शिकायत दर्ज की थी कि रोजगार सहायक ने आवास योजना में गड़बड़ी की है। शिकायत के बाद जनपद पंचायत कोटा के सीईओ ने तीन अधिकारियों की जांच टीम गठित की थी। 11 मई 2025 को ग्राम पंचायत तेंदुवा में सरपंच, सचिव, शिकायतकर्ता और ग्रामीणों की मौजूदगी में जांच की गई। जांच में शिकायत सही पाई गई, लेकिन अब तक दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
CG News: क्या थी गड़बड़ी?
जियाराम विश्वकर्मा ने बताया कि उनके पिता रामप्रसाद विश्वकर्मा के नाम पर आवास स्वीकृत हुआ था (आईडी: CH2532643)। पिता के निधन के बाद उनकी माता का नाम नामिनी के रूप में जोड़ा जाना था। लेकिन रोजगार सहायक ने माता का नाम जोड़ने के बजाय गांव के ही रामप्रसाद ध्रुव के नाम से जियोटैगिंग कर दी। इतना ही नहीं, आवास की पहली किश्त की राशि तीसरे व्यक्ति, रामप्रसाद यादव के खाते में डाल दी गई।
CG News: जांच में सत्यता, फिर भी कार्रवाई का इंतजार
जांच टीम ने पंचनामा तैयार कर कोटा जनपद पंचायत के सीईओ को सौंपा, जिसमें गड़बड़ी की पुष्टि हुई। रोजगार सहायक ने नामिनी को नहीं बदला और राशि गलत खाते में डाली। इसके बावजूद, दोषी रोजगार सहायक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यह मामला PMAY में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी को उजागर करता है।
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