
BLA Attack :
BLA Attack : इस्लामाबाद: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने सुराब शहर पर नियंत्रण का दावा किया है। सोशल मीडिया और बलूचिस्तान पोस्ट द्वारा साझा किए गए वीडियो में शहर के कई हिस्सों में आगजनी और धुएं के गुबार देखे जा सकते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, BLA के लड़ाकों ने मुख्य पुलिस स्टेशन, बैंक और अन्य सरकारी इमारतों को आग के हवाले कर दिया है।
BLA Attack : सरकारी इमारतों पर कब्जे और आगजनी का दावा
BLA के प्रवक्ता जयंद बलूच के हवाले से बताया गया है कि संगठन ने सुराब शहर के लेवी स्टेशन, पुलिस थाने और कई अन्य महत्वपूर्ण सरकारी संस्थानों पर पूरी तरह से नियंत्रण कर लिया है। इसके साथ ही, क्वेटा-कराची हाईवे और सुराब-गदर रोड को बंद कर दिया गया है और वहां गश्त जारी है।
BLA Attack : सैकड़ों लड़ाकों ने किया हमला, SHO की हत्या का भी दावा
बलूचिस्तान पोस्ट के मुताबिक, सैकड़ों हथियारबंद लड़ाकों ने शुक्रवार की शाम शहर पर संगठित हमला किया। इस दौरान कई अधिकारी बंधक बनाए गए, सरकारी वाहनों को आग के हवाले किया गया, और एक SHO की हत्या का भी दावा किया गया है। बताया जा रहा है कि कई स्थानों से पाकिस्तानी सुरक्षाबलों को खदेड़ दिया गया, और उनके हथियार भी जब्त कर लिए गए हैं।
BLA Attack : सरकारी प्रतिक्रिया अब तक नहीं
इस पूरी घटना पर पाकिस्तानी प्रशासन या सेना की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालाँकि, बीते एक साल में बलूचिस्तान में अलगाववादी गतिविधियों और हमलों में तेज़ी आई है, और स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा अस्थायी रूप से क्षेत्रों पर कब्जा किए जाने की घटनाएं बढ़ी हैं।
BLA Attack : BLA की मांग और पाकिस्तान में असंतोष
बलूच लिबरेशन आर्मी को पाकिस्तान सरकार ने आतंकी संगठन घोषित किया है, जबकि इसके समर्थक इसे बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की लड़ाई बताते हैं। BLA का आरोप है कि पाकिस्तान और चीन बलूचिस्तान के संसाधनों का शोषण कर रहे हैं। संगठन का दावा है कि हजारों बलूच छात्र, कार्यकर्ता और नागरिक लापता हैं।
BLA Attack : पाकिस्तान में बढ़ती विभाजन की आशंकाएं
बलूचिस्तान में बढ़ती अशांति के बीच कुछ विश्लेषक पाकिस्तान में संभावित विभाजन की आशंका भी जता रहे हैं। उनका कहना है कि बलूचिस्तान, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और पीओके जैसे क्षेत्र स्वतंत्र इकाइयों के रूप में उभर सकते हैं, अगर विद्रोह की यह लहर थमी नहीं।