
रिसर्च में बड़ा खुलासा : ड्रग्स से भी कही ज्यादा नशा देती हैं पार्टनर की यादें....
हालिया रिसर्च में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि किसी प्रेमी या पार्टनर की यादें, न केवल मानसिक, बल्कि शारीरिक रूप से भी बेहद प्रभावशाली हो सकती हैं। शोधकर्ताओं ने पाया है कि अपने साथी की यादों में खो जाने से मानसिक स्तर पर वही प्रभाव पड़ता है, जैसा कि ड्रग्स के सेवन से होता है। खास बात यह है कि यह नशा न सिर्फ तात्कालिक होता है, बल्कि गहरे मानसिक और शारीरिक बदलाव भी ला सकता है, जो कि किसी मादक पदार्थ के सेवन से कहीं अधिक प्रभावी हो सकते हैं।
शोध का उद्देश्य और तरीका
यह शोध विशेष रूप से मानव मस्तिष्क और भावनाओं के संबंध को समझने के लिए किया गया था। शोधकर्ताओं ने विभिन्न व्यक्तियों के दिमाग की गतिविधि का अध्ययन किया जब उन्होंने अपने प्रेमी या पार्टनर के बारे में सोचा या उनके साथ बिताए गए अच्छे पलों को याद किया। इस अध्ययन में यह पता चला कि जब कोई व्यक्ति अपने पार्टनर के बारे में सोचता है, तो दिमाग के वही हिस्से सक्रिय होते हैं, जो नशे की लत, सुख, और तृप्ति से जुड़े होते हैं। इन हिस्सों का संबंध मस्तिष्क के “प्लेज़र सेंटर” से होता है, जो नशे के दौरान भी सक्रिय होते हैं।
इसके लिए शोधकर्ताओं ने फंक्शनल मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (fMRI) तकनीक का उपयोग किया, जिसमें दिमाग की गतिविधि को वास्तविक समय में देखा जा सकता है। इस तकनीक से यह स्पष्ट हुआ कि जैसे ही एक व्यक्ति अपने पार्टनर के बारे में सोचता है या उनकी यादों में खो जाता है, दिमाग में एक तरह का उत्तेजना उत्पन्न होती है, जो ड्रग्स के प्रभाव से मिलती-जुलती होती है।
मानसिक और शारीरिक प्रभाव
यह शोध इस तथ्य को उजागर करता है कि किसी खास व्यक्ति के बारे में सोचना न केवल मानसिक रूप से व्यक्ति को प्रभावित करता है, बल्कि यह शारीरिक रूप से भी शरीर में प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कर सकता है। जब हम किसी अपने के बारे में सोचते हैं, खासकर यदि वह व्यक्ति हमारी भावनाओं के करीब हो, तो दिमाग के “प्लेज़र सेंटर” (pleasure center) में गतिविधि बढ़ जाती है। इस दौरान मस्तिष्क में डोपामाइन (dopamine) जैसे रसायन भी रिलीज होते हैं, जो खुशी, तृप्ति और सुकून की भावना उत्पन्न करते हैं।
यह भी पाया गया कि पार्टनर की यादों में खो जाने से दिल की धड़कन तेज हो सकती है, रक्तचाप बढ़ सकता है और शरीर में “फाइट-ऑर-फ्लाइट” प्रतिक्रिया उत्पन्न हो सकती है, जैसे कि हम किसी तनावपूर्ण या रोमांचक स्थिति में होते हैं। इस प्रभाव को ड्रग्स के सेवन से तुलना की जा सकती है, क्योंकि ड्रग्स के प्रभाव में भी समान शारीरिक प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलती हैं।
यादों का असर: नशे से भी ज्यादा प्रभावी
पार्टनर की यादें, खासकर यदि वह यादें सकारात्मक और प्रेमपूर्ण होती हैं, तो वे व्यक्ति के दिमाग में गहरी छाप छोड़ सकती हैं। यही कारण है कि कई बार किसी पुराने रिश्ते के खत्म होने या किसी प्रिय व्यक्ति के दूर जाने पर व्यक्ति को गहरी भावनात्मक परेशानी होती है। शोध में यह भी सामने आया कि पार्टनर की यादें उस व्यक्ति को एक मानसिक उच्च अवस्था में ले जा सकती हैं, जिससे वह पूरी तरह से अपने वर्तमान हालात से बाहर निकल सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह यादें सकारात्मक होती हैं, तो यह एक तरह का मानसिक “नशा” बन सकती हैं, जो व्यक्ति को खुशी और तृप्ति का अहसास दिलाती है। इसके विपरीत, यदि ये यादें नकारात्मक या दुखद होती हैं, तो वे मानसिक कष्ट और तनाव का कारण भी बन सकती हैं, जैसा कि ड्रग्स की लत में होता है।
भावनात्मक रूप से जुड़ी लत: क्या यह मानसिक “नशा” है?
न केवल शारीरिक रूप से, बल्कि भावनात्मक रूप से भी हम अपने पार्टनर के साथ जुड़े रहते हैं। यह भावनात्मक जुड़ाव मानसिक रूप से एक लत का रूप ले सकता है, क्योंकि जैसा ड्रग्स की लत में व्यक्ति को तात्कालिक आनंद की आवश्यकता होती है, वैसे ही हमें अपने पार्टनर की यादों या उनके साथ बिताए गए पलों के बारे में सोचना अच्छा लगता है। इस प्रकार, यह शोध इस तथ्य को सामने लाता है कि रिश्तों में यह “भावनात्मक लत” एक तरह से ड्रग्स के समान हो सकती है, जो तात्कालिक आनंद तो देती है, लेकिन समय के साथ इस पर निर्भरता बढ़ सकती है।
क्या यह नशे से भी अधिक खतरनाक हो सकता है?
रिसर्च से यह भी पता चलता है कि जैसे-जैसे हम अपनी यादों में खोते हैं, हमारा दिमाग और शरीर दोनों ही उस स्थिति से बाहर निकलने में कठिनाई महसूस करते हैं। कई बार, अगर कोई व्यक्ति अपने पार्टनर की यादों में खोकर उन भावनाओं से बाहर नहीं निकल पाता, तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह स्थिति लंबे समय तक मानसिक तनाव और अवसाद का कारण बन सकती है, जैसे कि नशे की लत से व्यक्ति धीरे-धीरे मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान होने लगता है।
निष्कर्ष: रिश्ते और यादों की ताकत
इस रिसर्च ने यह साबित किया है कि रिश्ते और पार्टनर की यादें एक ऐसी ताकत हो सकती हैं, जो मानसिक और शारीरिक रूप से व्यक्ति को नशे की हालत में पहुंचा सकती हैं। यह केवल एक भावनात्मक अनुभव नहीं है, बल्कि यह एक मानसिक और शारीरिक प्रक्रिया है, जो हमारे मस्तिष्क में गहरे असर डाल सकती है। इसलिए, हमें अपनी भावनाओं को संतुलित रखना और रिश्तों को समझदारी से निभाना बेहद महत्वपूर्ण है।
यह शोध यह भी दर्शाता है कि रिश्तों में जुड़ाव और प्यार का असर हमारे शरीर और दिमाग पर नशे की तरह गहरा हो सकता है, और इस प्रभाव को समझकर हम अपनी भावनात्मक स्थिति को बेहतर तरीके से संभाल सकते हैं।
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