
Bhimrao Ambedkar Birth Anniversary
Bhimrao Ambedkar Birth Anniversary : नई दिल्ली : 14 अप्रैल को भारत रत्न डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर की जयंती पूरे देश में श्रद्धा, सम्मान और गौरव के साथ मनाई जा रही है। ‘बाबा साहेब’ के नाम से प्रसिद्ध आंबेडकर केवल दलित समाज ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए समानता, सामाजिक न्याय और संवैधानिक मूल्यों के प्रतीक हैं। उनके विचारों और संघर्ष ने भारत को सामाजिक क्रांति की ओर अग्रसर किया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिन्होंने करोड़ों लोगों को प्रेरित किया, वे स्वयं किनसे प्रेरणा लेते थे?
Bhimrao Ambedkar Birth Anniversary : तीन महान गुरुओं से मिली दिशा
अपनी आत्मकथा ‘मेरी आत्मकथा, मेरी कहानी, मेरी जुबानी’ में बाबा साहेब ने जिन तीन महान व्यक्तित्वों को अपने जीवन के मार्गदर्शक और गुरु के रूप में स्वीकार किया, वे हैं—महात्मा गौतम बुद्ध, संत कबीर और महात्मा ज्योतिबा फुले। इन तीनों की शिक्षाओं ने आंबेडकर के चिंतन, संघर्ष और जीवन दर्शन को गहराई से प्रभावित किया।
Bhimrao Ambedkar Birth Anniversary : गौतम बुद्ध : समता और करुणा का संदेश
बाबा साहेब के पहले गुरु गौतम बुद्ध थे। उनके पिता के विद्वान मित्र दादा केलुस्कर ने उन्हें ‘बुद्धचरित’ पुस्तक भेंट की थी, जिसने आंबेडकर का जीवन बदल दिया। उन्होंने लिखा, “बुद्ध के विचारों ने मेरे मन से रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों की आकर्षण समाप्त कर दी। मैं बौद्ध धर्म का अनुयायी बन गया, क्योंकि इसमें समता, करुणा और भेदभाव-मुक्त समाज की कल्पना थी।”
बुद्ध की शिक्षाओं ने उन्हें छुआछूत और जातिगत भेदभाव के खिलाफ खड़े होने की ताकत दी।
Bhimrao Ambedkar Birth Anniversary : संत कबीर : भेदभाव के विरुद्ध निर्भीक संत
दूसरे गुरु के रूप में आंबेडकर ने संत कबीर को याद किया। वे उन्हें सच्चा ‘महात्मा’ मानते थे। उन्होंने आत्मकथा में लिखा, “कबीर में रत्ती भर भी भेदभाव नहीं था। उनकी वाणी मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत रही।”
कबीर के दोहे और उनकी निर्भीकता ने आंबेडकर को सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध बोलने और समानता की राह पर चलने का साहस दिया।
Bhimrao Ambedkar Birth Anniversary : महात्मा फुले : शिक्षा और समानता के अग्रदूत
आंबेडकर के तीसरे गुरु महात्मा ज्योतिबा फुले थे, जिन्होंने भारत में सामाजिक सुधार और महिला शिक्षा का नेतृत्व किया। फुले द्वारा शुरू किए गए पहले कन्या विद्यालय ने शोषित वर्गों के लिए शिक्षा के द्वार खोले। आंबेडकर ने लिखा, “महात्मा फुले का मार्गदर्शन मेरे लिए अमूल्य था। उन्होंने मुझे समझाया कि समाज में बदलाव शिक्षा और समानता के बिना असंभव है।”
Bhimrao Ambedkar Birth Anniversary : बाबा साहेब का राष्ट्र निर्माण में योगदान
14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में जन्मे डॉ. आंबेडकर ने जीवन भर छुआछूत, जातिवाद और सामाजिक अन्याय के खिलाफ संघर्ष किया। भारतीय संविधान का निर्माण कर उन्होंने देश को एक समावेशी, लोकतांत्रिक और समानतावादी ढांचा दिया।
उनकी शिक्षा, विचार और संघर्ष आज भी सामाजिक बदलाव की नींव बने हुए हैं।
Bhimrao Ambedkar Birth Anniversary : जयंती पर देशभर में श्रद्धांजलि
आज बाबा साहेब की जयंती के अवसर पर पूरे देश में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रैलियों, संगोष्ठियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
स्थानीय नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा, “बाबा साहेब का जीवन हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो समानता, न्याय और मानवता में विश्वास रखता है। उनके गुरुओं की शिक्षाएं आज भी समाज को सही दिशा देने का कार्य कर रही हैं।”
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