Andheri Mumbai : सड़कों पर खुलेआम शराबखोरी गांजे व अन्य नशीले पदार्थों का लेन-देन
Andheri Mumbai : अंधेरी -मुंबई पुलिस अंतर्गत वर्सोवा पुलिस की अकर्मण्यता के चलते मुंबई पश्चिमी उपनगर स्थित अंधेरी पश्चिम अंतर्गत चार बंगला क्षेत्र विशेष कर पुराने म्हाडा के रहवासी इलाकों में नशे का कारोबार जोर-शोर से जारी है।
जहां सड़कों पर खुलेआम शराबखोरी, गांजे तथा अन्य नशीले पदार्थों का क्रय-विक्रय तथा सेवन खुलेआम हो रहा है, वहीं पुलिस की विशेष इकाइयां जैसे नारकोटिक्स, आबकारी तथा अन्य उड़नदस्ते आंख बंद करके बैठे हुए हैं।
जहां एक ओर लगातार शिकायतों का वर्सोवा पुलिस प्रभारी पर कोई असर नहीं हो रहा है, वही उच्च अधिकारियों को भी दी गई शिकायतों का पिछले ४० दिनों में कोई निराकरण नहीं हो पाया है।
शिवतेज फाउंडेशन द्वारा पूर्व में भी यह शिकायतें की गई हैं की खुलेआम शराब तथा नशीले पदार्थों का सेवन इस क्षेत्र में आम बात है
वहीं क्षेत्र की पान तथा सिगरेट की दुकानों पर गांजा पीने वाला प्रतिबंधित रिजला पेपर सहज ही उपलब्ध है। गांजे का कारोबार करने वाले अधिकांश व्यक्तियों का पूरा रिकॉर्ड पुलिस के पास है
और उनकी आपूर्ति की सारी कड़ियां भी पुलिस की जानकारी में हैं, लेकिन फिर भी पुलिस किस प्रकार की ड्यूटी में व्यस्त है और जिन विशेष पुलिस इकाइयों का गठन संगठित अपराधों के विरुद्ध किया गया है
वही अपराध खुलेआम हो रहे हैं और पुलिस मूक दर्शक बनी बैठी रहती है। क्षेत्र की पुलिस की यही अकर्मण्यता आज की युवा पीढ़ी में प्रत्येक स्तर पर घुसपैठ बना चुकी नशे की लत के लिए जिम्मेदार है।
जहां एक ओर उच्चतम न्यायालय तथा मुंबई उच्च न्यायालय के द्वारा अवैध हाॅकरों पर पूर्ण प्रतिबंध के आदेश दिए जा चुके हैं, वहीं कोर्ट के इन्हीं आदेशों की लगातार पुलिस द्वारा धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
Andheri Mumbai
ऐसे ही अवैध हाॅकर्स गुपचुप तरीके से इन नशीले पदार्थों तथा शराब को बेचने का धंधा भी करते हैं। चाहे सोशल मीडिया हो या अमेजॉन जैसे वाणिज्यिक एप्लीकेशंस हों
नशे का कारोबार चारों तरफ बदस्तूर जारी है और प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सो रहा है। यह समस्त वीडियो (संत मैरी स्कूल के समक्ष स्थित पान दुकान तथा अन्य क्षेत्रीय दुकानों के हैं
जिसमें शिवतेज फाउंडेशन के कार्यकर्ता स्टिंग ऑपरेशन के अंतर्गत ग्राहक बनकर उपरोक्त रोलिंग पेपर खरीदने का प्रयास कर रहे हैं।) इस बात का साक्षात प्रमाण हैं और अमेजॉन जैसे वाणिज्यिक मोबाइल एप्लीकेशंस खुलेआम इस
तरह की असामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं और दुर्भाग्य से पुलिस के साइबर सेल को इस बात की भनक तक नहीं है की गांजा पीने वाला रोलिंग पेपर अमेजॉन जैसी एप्लीकेशंस पर सहज उपलब्ध है।
(लिंक- THESKINSCO प्रीमियम गांजा रोलिंग पेपर किंग साइज़ स्लिम (10 का पैक) https://amzn.in/d/cpjKn0w)। क्या वजह है की इन पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई? क्या प्रशासन का उत्तरदायित्व केवल राजनीतिक दलों की सेवा-सुश्रुषा तक रह गया है? यह सर्वविदित है
की नशे के खूनी पंजे अधिकांश युवा पीढ़ी को अपनी गिरफ्त में ले चुके हैं और प्रशासन छोटी-मोटी गिरफ्तारियां करके स्वयं अपनी पीठ थपथपाता रहता है। परंतु आम जनता की क्षमता को अनदेखा करके कोई
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भी सत्ता में ज्यादा लंबे समय तक नहीं रह सकता तथा सत्ताधीशों का रवैया अगर नहीं बदलता है तो जन समुदाय में उबल रहा लावा शासन तथा प्रशासन को अपने उत्तरदायित्वों का स्मरण कराने से कतई नहीं चूकेगा।






