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सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का महत्वपूर्ण स्थान है, जो न केवल भूमि खरीदारी और घर के निर्माण से संबंधित है, बल्कि गृह प्रवेश के समय भी इसके नियमों का पालन करना आवश्यक है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, गृह प्रवेश से पहले और बाद में भी कुछ खास नियम होते हैं जिन्हें अगर सही तरीके से अपनाया जाए तो घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। अगर आप भी खरमास से पहले गृह प्रवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो वास्तु के इन खास नियमों का पालन करना चाहिए।
- गृह प्रवेश के लिए दिन का चयन
जानकारों के अनुसार, रविवार और मंगलवार के दिन गृह प्रवेश करना वर्जित है। इन दिनों गृह प्रवेश से घर में अशुभ प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, प्रतिपदा तिथि यानी रिक्ता तिथि पर भी गृह प्रवेश से बचना चाहिए। - नक्षत्र का ध्यान रखें
गृह प्रवेश के समय नक्षत्रों का विचार करना बेहद महत्वपूर्ण है। मूल, अश्लेषा, ज्येष्ठा और आर्द्रा नक्षत्र में गृह प्रवेश शुभ नहीं होता। इसके अलावा, विशाखा नक्षत्र में प्रवेश से घर पर विपत्ति आ सकती है। मघा और भरणी नक्षत्र में भी गृह प्रवेश से बचना चाहिए। - मास का चयन
गृह प्रवेश के लिए माघ, फाल्गुन, ज्येष्ठ और वैशाख महीने सबसे शुभ माने जाते हैं। इन महीनों में प्रवेश करने से घर में समृद्धि, धन और वंश में वृद्धि होती है। वहीं, मार्गशीर्ष माह में गृह प्रवेश मध्यम शुभ माना जाता है। - शुक्र और कृष्ण पक्ष का ध्यान
गृह प्रवेश के लिए कृष्ण और शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि तक का समय शुभ होता है। इस दौरान रिक्त तिथि से बचना चाहिए। चैत्र महीने में गृह प्रवेश से घर के स्वामी को धन की हानि हो सकती है। - सावन का महीना
सावन का महीना गृह प्रवेश के लिए बेहद शुभ माना जाता है। हालांकि, चातुर्मास के दौरान मांगलिक कार्यों से बचना चाहिए, जिसके कारण ज्योतिषाचार्य सावन के महीने में गृह प्रवेश न करने की सलाह देते हैं।
इन वास्तु टिप्स का पालन करके आप अपने घर में सुख-शांति और समृद्धि सुनिश्चित कर सकते हैं।
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