
Cyber Fraud : साइबर ठग आपके खाते के पैसे चंद मिनट में कर रहे गायब....पढ़े ये पूरी स्टोरी
Cyber Fraud
Cyber Fraud : बिलासपुर: आधुनिक जमाने में बैंक अकाउंट से लेनदेन काफी तेजी से बढ़ा है। यूपीआई (UPI) का इस्तेमाल जब से शुरू हुआ है, ट्रांजैक्शन की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, इसके साथ ही खतरे भी बढ़ गए हैं। कई बार साइबर ठग आपके यूपीआई से खाते के पैसे चंद मिनट में गायब कर दे रहे पेश है एक खाश रिपोर्ट..
Cyber Fraud : संचार तकनीक ने लोगों का जीवन तो आसान बनाया है, लेकिन इसके दुरुपयोग से लोगों की डिजिटल सुरक्षा खतरे में पड़ गई है. साइबर जालसाज आए दिन किसी के खाते से पैसे उड़ा लेते हैं या फिर डिजिटल प्राइवेसी में सेंध लगाकर लोगों को धोखे का शिकार बना डालते हैं.
सरकारी जागरूकता कार्यक्रमों से जब तक लोग खास तरीके की ठगी से बचने में कामयाब होते हैं, तब तक साइबर सरगना कोई नया तरीका ईजाद कर लेते हैं.इधर एसपी रजनेश सिंह की माने तो साइबर फ्रॉड के विरुद्ध विशेष अभियान के तहत द्वारा फाइनेंशियल सायबर फ्रॉड के 16.68 करोड़ की राशि बैंकों में होल्ड कराई गई हैं।
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साइबर फ्रॉड मामले में जिले के 2112 संदिग्ध बैंक एकाउंट को चिन्हित कर फ्रीज कराया गया है। इसी मामले से संबंधित 1400 फर्जी सिम कार्ड को भी ब्लॉक कराया गया हैं। जानकारी देते एसपी ने बताया की बैंको में होल्ड प्रकरणों को सूचीबद्ध कर संबंधित पीड़ित को उनसे फ्रॉड की गई राशि को दिलाने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा हैं।
लोगों को सामान्य ज्ञान की जानकारी नहीं होती, जिससे वे साइबर ठगी के शिकार हो जाते हैं. जालसाजों की लच्छेदार बातों में आकर लोग बेचैन हो जाते हैं और अपने पैसे गंवा बैठते हैं. ऐसी स्थिति से बचने के लिए लोगों को ज्यादा जागरूक होने की जरूरत है.

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कैसे बचे साइबर फ्राड से साइबर फ्राड से बचने के लिए किसी भी अनजान लिंक को क्लिक न करें.किसी भी व्यक्ति को अपने बैंक खाते का ओटीपी, पासवर्ड अथवा अन्य जानकारी न दें.
कभी भी ऐसे मैसेज आए तुरंत बैंक जाकर संपर्क करें. साइबर फ्राड हो जाने के क्रम में शीघ्र ही साइबर हेल्पलाइन नं 1930 में कॉल करें.
अपने नजदीकी थाना या साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज करें. अगर आप पुलिस को इसकी जानकारी नहीं देंगे तो ठगी का मामला छुप जाएगा.
मनोवैज्ञानिक बताते हैं कि लोग ये समझ नहीं पाते हैं कि ये मैसेज कहां से आये हैं और इनके सोर्स क्या हैं. लोगों को शातिरों की बातों पर विश्वास हो जाता है. इसलिए पढ़े-लिखे लोग भी इनकी चपेट में आ जाते हैं.

फ्रॉड करने वालों की ट्रेनिंग ऐसी होती है कि ये किसी को भी मोटिवेट कर उसे पैसा ट्रांसफर करने पर मजबूर कर सकते हैं. ये स्कैमर टेक्निकल टर्म का यूज करते हैं. इससे लोगों को लगता है कि ये सच में किसी सही जगह से आया काल हैं।
लोगों को सामान्य ज्ञान की जानकारी नहीं होती, जिससे वे साइबर ठगी के शिकार हो जाते हैं. जालसाजों की लच्छेदार बातों में आकर लोग बेचैन हो जाते हैं और अपने पैसे गंवा बैठते हैं. ऐसी स्थिति से बचने के लिए लोगों को ज्यादा जागरूक होने की जरूरत है
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