
Indore Lok Sabha
Indore Lok Sabha
Indore Lok Sabha : भोपाल। : इंदौर लोकसभा सीट पर लड़ाई दिलचस्प नोटा के पोस्टर से बीजेपी बेचैन क्यों? इंदौर सीट पर भाजपा और नोटा में टक्कर नोटा दबाने के लिए कांग्रेस चला रही इंदौर में अभियान बीजेपी समर्थकों ने ऑटो से फाड़े नोटा के पोस्टर इंदौर लोकसभा सीट पर पहली बार हुआ है ऐसा
Indore Lok Sabha : इंदौर लोकसभा सीट पर अब लड़ाई बीजेपी और नोटा में है। नोटा दबाने के लिए कांग्रेस लगातार इंदौर में मुहिम चला रही है। वहीं, ऑटो पर लगे नोटा पोस्टर को बीजेपी समर्थकों ने फाड़ दिया है। इंदौर में यह स्थिति कांग्रेस उम्मीदवार के मैदान छोड़ने के बाद हुई है। वहीं, बीजेपी के अंदर भी इसे लेकर एक राय नहीं है।
कांग्रेस उम्मीदवार के आखिरी समय में नाम वापस लेने के बाद इंदौर लोकसभा सीट में नोटा के लिए जोरदार अभियान चल रहा है। ऑटो रिक्शा और सार्वजनिक स्थानों और सामुदायिक उद्यानों पर नोटा के पोस्टर और बैनर लगाकर मतदाताओं पर हमला किया जा रहा है।
किसी भी पोस्टर और बैनर पर कांग्रेस का नाम या पार्टी का चुनाव चिह्न नहीं है लेकिन संदेश साफ है, ‘लोकतंत्र को बचाने’ के लिए नोटा दबाएं। भाजपा कार्यकर्ताओं ने जवाबी अभियान शुरू कर दिया है, कुछ ने ऑटो से पोस्टर फाड़ दिए हैं, जो दर्शाता है कि नोटा का संदेश लोगों तक पहुंच रहा है।
Indore Lok Sabha
International Mother’s Day 2024 Date : मदर्स डे पर स्मार्ट मॉम ऑफ़ बुरहानपुर प्रतियोगिता का आयोजन…
मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर की सड़कों पर ‘संविधान बचाने’ और ‘लोकतंत्र के साथ व्यापार करने वालों को सबक सिखाने’ के लिए नोटा वोट देने का आह्वान करने वाले पोस्टर और बैनर आम दृश्य बन गए हैं।
भगवा पार्टी के गढ़ में इस तरह का ‘नो-चॉइस’ अभियान अभूतपूर्व है, जहां भाजपा ने तीन दशकों से भारी अंतर से जीत हासिल की है। कांग्रेस रेकॉर्ड नोटा वोट की मांग कर रही है। बीजेपी को विश्वास है कि जनता मोदी जी को ही चुनेगी।
भाजपा ने इसके जवाब में पोस्टर लगाए हैं, जिन पर लिखा है, ‘नोट चलाने वाले अब नोटा चल रहे हैं, राष्ट्रीय हित में मतदान करें।’ पहली बार कांग्रेस के पास इंदौर में कोई उम्मीदवार नहीं है।
कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार अक्षय बम ने नामांकन वापसी के आखिरी दिन अपना नाम वापस ले लिया। उसी सुबह कांग्रेस के लिए प्रचार करने के बाद भाजपा में शामिल हो गए। अक्षय कांति बम के कदम से हैरान कांग्रेस ने इसे ‘विश्वासघात’ कहा। पीसीसी प्रमुख जीतू पटवारी ने तुरंत इंदौरवासियों से नोटा का विकल्प चुनने का आग्रह किया।
इंदौर के निवासियों का एक बड़ा वर्ग, पार्टी लाइन से ऊपर उठकर, बम के आखिरी समय में पद से हटने से स्तब्ध है और उनका मानना है कि इससे शहर की छवि धूमिल हुई है। नोटा बनाम वोट की लड़ाई सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक लड़ी जा रही है।
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT - Voice of People
Subscribe to get the latest posts sent to your email.