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प्रयागराज : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू : भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज पवित्र त्रिवेणी संगम में स्नान कर आस्था की डुबकी लगाई। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम स्थल पर उन्होंने विधिवत पूजन-अर्चन किया और देशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू : इस अवसर पर राष्ट्रपति ने संत-महात्माओं से आशीर्वाद लिया और भारतीय संस्कृति एवं आध्यात्मिक परंपराओं को नमन किया। उनके साथ उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
त्रिवेणी संगम को सनातन परंपरा में मोक्षदायी स्थल माना जाता है। यहां स्नान करने से पापों का नाश होता है और आत्मिक शुद्धि प्राप्त होती है। कुंभ और माघ मेले के दौरान संगम स्नान का विशेष महत्व होता है।
त्रिवेणी संगम में स्नान के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा,
“भारत की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक परंपराएं हमें एकजुट करती हैं। संगम स्नान केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आस्था, श्रद्धा और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक भी है। मैंने देश की प्रगति, शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की है।”
राष्ट्रपति की इस आध्यात्मिक यात्रा के दौरान संगम क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पूरे इलाके में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की विशेष तैनाती की गई थी। इसके अलावा, हजारों श्रद्धालु भी इस अवसर पर मौजूद रहे और उन्होंने राष्ट्रपति के आगमन का स्वागत किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यह यात्रा भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति उनकी आस्था को दर्शाती है। इस ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए संगम तट पर हजारों श्रद्धालु एकत्रित हुए, जिन्होंने उनके साथ इस पावन अवसर को साझा किया।
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