Sukma Breaking : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक ऐतिहासिक दृश्य देखने को मिला, जब माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में दशकों बाद उत्साह और हर्षोल्लास के साथ यह राष्ट्रीय पर्व मनाया गया। जिले के नवीन कैंप तुमालपाड, रेयागुडेम, गोलकोंडा, गोमगुड़ा, और मेटागुड़ा जैसे दूरदराज के गांवों में स्थानीय ग्रामीणों और सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयास से गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया गया।
ग्रामीणों ने दिखाया उत्साह
माओवादियों के लंबे समय से गढ़ माने जाने वाले इन क्षेत्रों में ग्रामीणों ने पहली बार खुलकर राष्ट्रीय पर्व में भाग लिया। सुरक्षा बलों के सहयोग से आयोजित इस समारोह ने न केवल इन क्षेत्रों के लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना भरी, बल्कि यह इस बात का भी प्रतीक है कि अब ये क्षेत्र धीरे-धीरे माओवाद के प्रभाव से बाहर आ रहे हैं।
सुरक्षा बलों का योगदान
सुकमा जिले के पुलिस और सुरक्षा बलों की भूमिका इस आयोजन में बेहद महत्वपूर्ण रही। सुरक्षा बलों ने इन क्षेत्रों में शांति स्थापित करने के लिए लंबे समय तक प्रयास किए हैं। गणतंत्र दिवस समारोह के सफल आयोजन ने यह संदेश दिया कि सरकार और प्रशासन इन इलाकों को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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नवीन कैंप में समारोह
तुमालपाड, रेयागुडेम, गोलकोंडा, गोमगुड़ा, और मेटागुड़ा में आयोजित कार्यक्रमों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, और ग्रामीणों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। सुरक्षा बलों ने ग्रामीणों के साथ भोजन साझा किया और उनके लिए खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया। यह आयोजन ग्रामीणों और सुरक्षा बलों के बीच भरोसे का एक नया पुल साबित हुआ।
माओवादियों के गढ़ में राष्ट्रीय पर्व का आयोजन
पिछले कुछ वर्षों में प्रशासन और सुरक्षा बलों ने माओवादियों के गढ़ माने जाने वाले इन क्षेत्रों में व्यापक कार्रवाई की है। इन इलाकों में सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं, जो माओवादियों के खिलाफ लड़ाई में अहम साबित हुए हैं। इन कैंपों ने न केवल सुरक्षा प्रदान की है, बल्कि क्षेत्र में विकास कार्यों को भी गति दी है।
थाना क्षेत्रों में भी हर्षोल्लास
सुकमा जिले के सभी थाना क्षेत्रों में भी गणतंत्र दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। पुलिस थानों में ध्वजारोहण के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्थानीय बच्चों और युवाओं ने बढ़-चढ़कर इनमें भाग लिया।
ग्रामीणों के लिए उम्मीद का नया सूरज
गणतंत्र दिवस समारोह का यह आयोजन माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में एक नए युग की शुरुआत का संकेत है। यह दर्शाता है कि धीरे-धीरे इन इलाकों में माओवाद का प्रभाव समाप्त हो रहा है और ग्रामीण अब मुख्यधारा के साथ जुड़ने के लिए उत्साहित हैं।
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प्रशासन की प्रतिबद्धता
सुकमा जिले के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि यह आयोजन माओवाद के खिलाफ चल रहे संघर्ष में एक बड़ी सफलता है। उन्होंने भरोसा जताया कि आने वाले समय में ये इलाके पूरी तरह से माओवाद मुक्त होंगे और यहां विकास कार्यों को तेज़ी से बढ़ावा मिलेगा।
सुकमा जिले में दशकों बाद गणतंत्र दिवस का आयोजन न केवल राष्ट्रीय पर्व की महत्ता को दर्शाता है, बल्कि यह इस बात का संकेत भी है कि माओवादियों के गढ़ माने जाने वाले इलाकों में अब शांति और विकास की राह पर कदम बढ़ाए जा रहे हैं। प्रशासन, सुरक्षा बलों और स्थानीय ग्रामीणों के संयुक्त प्रयासों ने एक ऐतिहासिक दिन बनाया, जो आने वाले समय में सुकमा के विकास और स्थायित्व का प्रतीक बनेगा।
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