छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन के लिए सुरक्षाबलों का सर्च अभियान लगातार जारी है। बीते 48 घंटों में सुरक्षाबलों ने 22 नक्सलियों को मार गिराया है, जिसमें एक करोड़ रुपये का इनामी नक्सली भी शामिल है। सरकार ने नक्सलियों के सफाए के लिए इन पर भारी-भरकम इनाम घोषित किया है। आइए जानते हैं, इनाम की राशि कैसे तय होती है और इसके पीछे की प्रक्रिया क्या है।
इनाम तय करने की प्रक्रिया
नक्सलियों पर इनाम तय करने की प्रक्रिया सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय से होती है। इनाम की राशि उनकी आपराधिक गतिविधियों, पद, प्रभाव और खतरनाक मंसूबों के आधार पर निर्धारित की जाती है।
- पद और भूमिका:
नक्सल संगठन में नक्सली की भूमिका, जैसे कि वह कमांडर है या केवल ग्राउंड वर्कर, इनाम तय करने में अहम भूमिका निभाती है। - अपराध का स्तर:
नक्सली ने कितने बड़े हमले या अपराध किए हैं, इसका सीधा प्रभाव इनाम की राशि पर पड़ता है। - संगठन में प्रभाव:
संगठन में उनकी पहुंच और प्रभाव जितना अधिक होता है, इनाम की राशि उतनी ही ज्यादा होती है।
इनाम की श्रेणियां
- 1 लाख रुपये तक: निचले स्तर के कैडर जैसे ग्राउंड वर्कर।
- 5-10 लाख रुपये: मिड-लेवल के नक्सली, जो सर्च ऑपरेशन और छोटे हमलों में शामिल होते हैं।
- 50 लाख रुपये: ऐसे नक्सली, जो बड़े हमलों की योजना बनाते हैं और संगठन में अहम पदों पर होते हैं।
- 1 करोड़ रुपये या उससे अधिक: टॉप कमांडर और संगठन के प्रमुख, जिनकी गिरफ्तारी या मौत से संगठन को बड़ा झटका लग सकता है।
नक्सली सफाए का हालिया आंकड़ा
सुरक्षाबलों की सक्रियता के चलते बीते 48 घंटों में 22 नक्सलियों को ढेर किया गया। इनमें एक करोड़ रुपये के इनामी नक्सली का मारा जाना सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता मानी जा रही है। ये ऑपरेशन नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबलों की पकड़ को और मजबूत करता है।
सरकार का रुख और रणनीति
छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र सरकार नक्सल उन्मूलन के लिए संयुक्त प्रयास कर रही हैं। सुरक्षा बलों की संख्या में इजाफा, आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल, और स्थानीय स्तर पर लोगों को जागरूक करने के जरिए नक्सल समस्या पर काबू पाया जा रहा है। इनाम नीति का उद्देश्य नक्सलियों पर दबाव बनाना और उनकी गतिविधियों को सीमित करना है।
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