
पाकिस्तान
अमृतसर। पाकिस्तान के सिंध प्रांत से 159 हिंदू प्रवासियों का समूह वाघा-अटारी बॉर्डर के जरिए भारत पहुंचा। इस जत्थे में शामिल एक गर्भवती महिला माया ने अटारी बॉर्डर पर बच्ची को जन्म दिया।
माया के पति खानू ने तुरंत अधिकारियों को सूचना दी। भारतीय प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई करते हुए उसे अटारी के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। कुछ घंटों बाद माया ने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया।
‘भारती’ नाम की वजह
भारत में जन्म होने के कारण माता-पिता ने बच्ची का नाम ‘भारती’ रखा। डॉक्टरों ने जच्चा-बच्चा दोनों को स्वस्थ बताकर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया। खानू ने बताया कि वे सिंध से परिवार समेत भारत आए हैं।
पाकिस्तान में बिगड़ते हालात
खानू के अनुसार, पाकिस्तान में हिंदुओं की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। रोजगार और सुरक्षा की कमी के साथ धार्मिक उत्पीड़न और बेटियों की सुरक्षा का डर उन्हें हमेशा सताता था। इसीलिए उन्होंने भारत आने का निर्णय लिया।
भारत में बसने की उम्मीद
खानू का कहना है कि वे अब भारत में स्थायी रूप से रहना चाहते हैं और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत भारतीय नागरिकता पाने की उम्मीद रखते हैं। उनके पहले से दो बेटे और सात बेटियां हैं। अब भारत में जन्मी इस बेटी से वे अपने भविष्य को बेहतर बनाने की आशा करते हैं।
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT - Voice of People
Subscribe to get the latest posts sent to your email.