
Yogini Ekadashi 2025
Yogini Ekadashi 2025: नई दिल्ली : हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। वर्ष 2025 में यह पुण्यदायिनी तिथि 21 जून को पड़ रही है। ऐसी मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत रखने और भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और अंततः मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Yogini Ekadashi 2025: व्रत और पूजा विधि
योगिनी एकादशी के दिन श्रद्धालु प्रातःकाल स्नान कर पीले वस्त्र धारण करते हैं और भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करते हैं। श्रीहरि विष्णु को तुलसीदल अर्पित किया जाता है और पंचामृत का भोग लगाया जाता है। इस दिन पीले वस्त्रों और पीले फूलों से पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है। दिनभर उपवास रखकर भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और शाम को आरती के बाद व्रत का पारण करें। साथ ही, दान-पुण्य करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
Yogini Ekadashi 2025: योगिनी एकादशी की पौराणिक कथा
इस व्रत की महिमा को स्वयं श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को सुनाया था। कथा के अनुसार, अलकापुरी के राजा कुबेर शिव के परम भक्त थे और प्रतिदिन पुष्पों से उनकी पूजा करते थे। उनके माली हेम नामक गंधर्व की जिम्मेदारी थी कि वह मानसरोवर से फूल लाकर दे। एक दिन वह पत्नी के मोह में फंसकर देर से पुष्प लाया। राजा कुबेर ने क्रोधित होकर उसे कोढ़ी होने और पृथ्वी पर भटकने का श्राप दे दिया।
धरती पर कोढ़ से ग्रसित होकर हेम अत्यंत दुःख भोगता रहा। वर्षों बाद वह महर्षि मार्कंडेय के पास पहुंचा, जिन्होंने उसे योगिनी एकादशी का व्रत करने की सलाह दी। इस व्रत के प्रभाव से हेम को न केवल कोढ़ से मुक्ति मिली, बल्कि वह स्वर्ग भी प्राप्त कर सका।
Yogini Ekadashi 2025: व्रत का महत्व
योगिनी एकादशी का व्रत करने से जन्मों के पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति आती है। यह व्रत विशेष रूप से मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक कल्याण देने वाला माना गया है।