यमन से भारत के लिए एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। वहां एक भारतीय नर्स, निमिषा प्रिया, को मौत की सजा सुनाई गई है। केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया को 2017 में यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोषी ठहराया गया था। उन्हें 2018 में मौत की सजा सुनाई गई थी, और अब यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने उनकी सजा को मंजूरी दे दी है। परिवार और अधिकारियों के अनुसार, एक महीने के भीतर उन्हें फांसी दी जा सकती है।
भारत सरकार का बयान
इस घटना के बाद, भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए निमिषा प्रिया के मामले में हरसंभव मदद देने का वादा किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, “हम यमन में निमिषा प्रिया की सजा के बारे में जानते हैं। हम समझते हैं कि प्रिया का परिवार प्रासंगिक विकल्प तलाश रहा है और सरकार इस मामले में हरसंभव मदद कर रही है।”
निमिषा प्रिया कौन हैं?
निमिषा प्रिया, जो केरल के एक छोटे से गांव की रहने वाली हैं, साल 2011 से यमन के सना में काम कर रही थीं। जुलाई 2017 में उन्हें तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोषी ठहराया गया। इसके बाद उनके खिलाफ कानूनी और कूटनीतिक लड़ाई की एक लंबी प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन 2018 में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई।
उनके परिवार ने कई वर्षों से उनकी रिहाई के लिए कानूनी और कूटनीतिक प्रयास किए हैं, लेकिन अब यमन सरकार ने उनकी सजा की पुष्टि कर दी है। निमिषा की रिहाई के लिए भारत सरकार द्वारा की जा रही मदद और प्रयासों के बीच इस मामले को लेकर भविष्य में क्या निर्णय लिया जाएगा, यह देखने योग्य होगा।
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