World Human Rights Commission: देश के प्रतिष्ठित शिक्षाविद प्रोफेसर केएस राणा को एक नई और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें विश्व मानवाधिकार आयोग काउंसिल और यूएनओ में अवैतनिक पीस एंबेसडर के रूप में नामित किया गया है। प्रो. राणा, जो वर्तमान में जयपुर स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के कुलपति हैं, पहले भी आधा दर्जन विश्वविद्यालयों के कुलपति के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इसके अलावा, ओमान सल्तनत ने उन्हें पांच वर्षों के लिए उच्च आयुक्त और ट्रेड कमिश्नर के रूप में भी नियुक्त किया था।
शिक्षा क्षेत्र में योगदान
प्रोफेसर राणा ने शिक्षा के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक कार्य किए हैं। उन्होंने महाराणा प्रताप राष्ट्रीय शोध पीठ, नैनीताल विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद पीठ, रज्जू भैया शोध संस्थान, और अटल पत्रकारिता संस्थान जैसे प्रतिष्ठान स्थापित किए। उनके निर्देशन में आगरा विश्वविद्यालय में 45 शोधार्थियों ने शोध कार्य पूरा किया। साथ ही, उनकी पर्यावरण और अन्य विषयों पर 22 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
मानद उपाधियां और पुरस्कार
प्रोफेसर राणा को कई प्रतिष्ठित उपाधियां और पुरस्कार मिले हैं, जिनमें पर्यावरण कानून में यूके की वोकेशनल यूनिवर्सिटी से एलएलडी की मानद उपाधि और न्यूयॉर्क स्थित विश्व मानवाधिकार आयोग से डी-लिट की मानद उपाधि शामिल हैं। उन्हें 32 राष्ट्रीय और 21 अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
अन्य प्रमुख योगदान
डॉ. राणा ने आगरा में प्रतिष्ठित कृष्णा कॉलेज ग्रुप की स्थापना की और विभिन्न शिक्षण संस्थानों के विकास में योगदान दिया। वे आगरा विश्वविद्यालय के शिक्षक संगठन औटा के निर्विरोध अध्यक्ष भी रहे। इसके अलावा, उन्होंने भारत सरकार के पर्यावरण और वन मंत्रालय में अप्रेजल अथॉरिटी के चेयरमैन के रूप में 2015-2018 तक कार्य किया।
प्रोफेसर केएस राणा का जीवन और कार्य शिक्षा, अनुसंधान और मानवाधिकार के क्षेत्र में प्रेरणादायक योगदान का प्रतीक है।
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