
World Cup 2011: 14 साल पहले आज ही के दिन भारत बना था वर्ल्ड चैंपियन, 28 साल का इंतजार हुआ था खत्म...
मुंबई : World Cup 2011: यह तारीख भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सुनहरे पलों में से एक है। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए फाइनल में भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराकर दूसरी बार वनडे वर्ल्ड कप अपने नाम किया। इस जीत ने न केवल 28 साल के लंबे इंतजार को खत्म किया, बल्कि यह सचिन तेंदुलकर के करियर का सबसे बड़ा सपना भी पूरा करने वाली थी।
World Cup 2011: श्रीलंका की दमदार बैटिंग और भारतीय गेंदबाजों की चुनौती
फाइनल में श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। महेला जयवर्धने की नाबाद 103 रनों की बेहतरीन पारी की बदौलत श्रीलंका ने 50 ओवर में 6 विकेट पर 274 रन बनाए। संगकारा ने 48 और दिलशान ने 33 रन बनाए। भारत के लिए जहीर खान और युवराज सिंह ने 2-2 विकेट लिए।
World Cup 2011: भारत की खराब शुरुआत, लेकिन गंभीर की दमदार पारी
275 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की शुरुआत खराब रही। वीरेंद्र सहवाग पहली ही गेंद पर आउट हो गए और सचिन तेंदुलकर 18 रन बनाकर चलते बने। 31 रन पर दो विकेट गिरने से भारत मुश्किल में दिखा, लेकिन गौतम गंभीर और विराट कोहली ने पारी को संभाला। कोहली ने 35 रन बनाए, जबकि गंभीर ने 97 रनों की शानदार पारी खेली।
World Cup 2011: धोनी का ऐतिहासिक छक्का और भारत की जीत
गंभीर के आउट होने के बाद कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने मोर्चा संभाला और 79 गेंदों में नाबाद 91 रन बनाए। 49वें ओवर में नुवान कुलशेखरा की गेंद पर धोनी ने जो विजयी छक्का जड़ा, वह क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में हमेशा के लिए बस गया। भारत ने 10 गेंद शेष रहते ही यह मुकाबला जीत लिया। युवराज सिंह भी 21 रन बनाकर नाबाद रहे।
सचिन तेंदुलकर का सपना पूरा, युवराज बने प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट
यह विश्व कप सचिन तेंदुलकर के करियर का आखिरी वर्ल्ड कप था और पूरी टीम इसे उनके लिए जीतना चाहती थी। उन्होंने टूर्नामेंट में 482 रन बनाए, जबकि युवराज सिंह अपने शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ चुने गए। युवराज ने बल्ले से 362 रन बनाए और गेंद से 15 विकेट झटके।
World Cup 2011 गौतम गंभीर रहे टीम इंडिया के टॉप स्कोरर
2011 वर्ल्ड कप में गौतम गंभीर एकमात्र ऐसे भारतीय बल्लेबाज थे, जिन्होंने हर मैच में दहाई का आंकड़ा पार किया। उन्होंने 9 मैचों में 393 रन बनाए, जबकि युवराज सिंह और वीरेंद्र सहवाग ने क्रमशः 362 और 380 रन बनाए।
World Cup 2011 पूरे देश में जश्न का माहौल
इस ऐतिहासिक जीत के बाद पूरे भारत में जश्न का माहौल था। लोग सड़कों पर उतरकर पटाखे फोड़ रहे थे, मिठाइयां बांट रहे थे और जश्न मना रहे थे। मैदान पर भारतीय खिलाड़ियों ने सचिन तेंदुलकर को कंधे पर उठाकर मैदान का चक्कर लगाया। हरभजन सिंह और युवराज सिंह की आंखों में आंसू थे, लेकिन यह खुशी के आंसू थे।
भारतीय क्रिकेट इतिहास का स्वर्णिम पल
आज इस ऐतिहासिक जीत को 14 साल हो चुके हैं, लेकिन यह पल हर क्रिकेट प्रेमी के दिल में हमेशा ताजा रहेगा। यह सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि 1.3 अरब भारतीयों के सपने के सच होने का लम्हा था। भारत की यह जीत क्रिकेट के इतिहास में हमेशा स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी।
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