Gen-Z : नई दिल्ली। नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफार्म बैन करने पर सरकार के खिलाफ शुरू हुए विरोध प्रदर्शन ने दुनियाभर का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। इस प्रदर्शन का कोई चेहरा नहीं है, पूरे प्रदर्शन का नेतृत्व Gen-Z कर रहे हैं। और ये Gen-Z कोई राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक संगठन नहीं है, बल्कि ये एक पीढ़ी यानी जनरेशन समूह के लिए प्रयोग होने वाले शब्द है, जिसने 24 घंटे में नेपाल में तख्तापलट कर दिया है। आइए जानते हैं कि Gen-Z किन्हें कहते हैं?
Gen-Z : इन 15 सालों में पैदा हुए बच्चे Gen-Z
नई पीढ़ी यानी जनरेशन Z वह बच्चे हैं, जिनका जन्म 1997 से 2012 के बीच हुआ है। इन 15 सालाें में पैदा हुए बच्चे Gen-Z कहलाते हैं। साल 2025 तक यह पीढ़ी दुनिया की करीब 30% वर्कफोर्स बन चुकी है और अपनी अलग सोच व आदतों से समाज और अर्थव्यवस्था दोनों पर असर डाल रही है।
Gen-Z डिजिटल जनरेशन
Gen-Z को डिजिटल नेटिव भी कहा जाता है, क्योंकि इनके लिए इंटरनेट, स्मार्टफोन और सोशल मीडिया हमेशा से ही जिंदगी का हिस्सा रहे हैं। यही वजह है कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल इनके लिए आसान है। ऑनलाइन शॉपिंग से लेकर वर्क फ्रॉम होम तक, Gen-Z डिजिटल दुनिया में पूरी तरह फिट बैठती है।
Gen-Z की विशेषता यह भी है कि वे सूचना को लेकर बेहद सतर्क और आलोचनात्मक होते हैं। वे ऑनलाइन सामग्री को अक्सर जांचते हैं और विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी लेते हैं। Gen-Z अधिक विश्वसनीय, विशेषज्ञ द्वारा संचालित और गहन जानकारी वाले स्रोतों पर ध्यान देने लगे हैं। वित्तीय समृद्धि, करियर की योजना, और सामाजिक जिम्मेदारियों को लेकर ये बहुत गंभीर हैं और अपने फैसलों में सावधानी बरतते हैं।
Gen-Z : पैसों की बचत और कमाई
Gen-Z बहुत की स्मार्ट तरीके से सोचते हैं। यही वजह है कि ये अपनी भविष्य की प्लानिंग बहुत पहले से ही शुरू कर देते हैं। एक सर्वे के मुताबिक, करीब दो-तिहाई Gen-Z ने 19 साल की औसत उम्र से ही बचत करना शुरू कर दिया था। 2025 में, 18 से 35 साल के करीब 61% युवा पैसों को लेकर चिंतित हैं। इसके अलावा, नौकरी में अनिश्चितता और घर खरीदने की बढ़ती कीमत भी उन्हें परेशान करती है। अपनी कमाई बढ़ाने और वित्तीय स्थिरता पाने के लिए Gen-Z में साइड हसल यानी अतिरिक्त काम करने का चलन बढ़ा है।
Gen-Z : टेक्नोलॉजी और जिंदगी
Gen-Z की लाइफ में टेक्नोलॉजी का बहुत बड़ा रोल है। एक रिसर्च के मुताबिक, 98% Gen-Z युवाओं के पास स्मार्टफोन है और 95% सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं। इनकी ये आदतें उनके खरीदारी के तरीकों को भी बदल रही हैं। Gen-Z डेस्कटॉप के बजाय मोबाइल पर ही ज्यादा काम करते हैं। इनमें से 81% लोग सोशल मीडिया पर ही प्रोडक्ट खोजते हैं और 85% नए प्रोडक्ट्स के बारे में इन्हीं प्लेटफॉर्म से पता लगाते हैं। ये ऑनलाइन रिव्यूज पर उतना ही भरोसा करते हैं जितना कि किसी दोस्त की सलाह पर
Gen-Z ही क्यों पड़ा इस पीढ़ी का नाम
Gen-Z पहली पीढ़ी है, जिन्हें जन्म के बाद से ही इंटरनेट सुविधाएं मिली हैं। अन्य पीढ़ियों को इंटरनेट, स्मार्टफोन से पहले और बाद के जीवन का अनुभव है, लेकिन Gen-Z ने अपना जीवन तकनीक और आधुनिक उपकरणों के इर्द-गिर्द ही बिताया है। ऐसे में इन लोगों को टेक्नोलॉजी का किंग भी कहा जाता है, क्योंकि इनकी शुरुआत की टेक्नोलॉजी के साथ हुई है। इसी कारण से इस पीढ़ी को Gen-Z कहा जाता है।
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