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Viral video: लातूर। कृषि प्रधान देश भारत में जब कोई बुजुर्ग किसान बैल या ट्रैक्टर की जगह खुद ही हल जोतता नजर आए, तो वह केवल एक तस्वीर नहीं, बल्कि व्यवस्था पर एक सवाल बन जाती है। ऐसा ही एक मार्मिक दृश्य महाराष्ट्र के लातूर जिले के हाडोल्टी गांव से सामने आया है, जहां 65 वर्षीय किसान अंबादास गोविंद पवार और उनकी पत्नी मजबूरी में खुद खेत जोतने को विवश हैं।
Viral video: वीडियो हुआ वायरल
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो केवल एक दृश्य नहीं, बल्कि उस सच की झलक है जिसे अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। ढाई एकड़ सूखी जमीन के मालिक अंबादास पिछले 7-8 वर्षों से बिना बैल या ट्रैक्टर के खुद ही खेत में मेहनत कर रहे हैं। इस बार उनकी कमजोर होती उम्र, कांपते हाथ-पैर और थकी गर्दन भी उनके हौसले को रोक नहीं पा रही है।
Viral video: न बीज के पैसे, न खाद, न ही कोई सहारा
अंबादास पवार बताते हैं कि खेती से पहले के खर्चे जैसे बीज, खाद, बुवाई आदि उनके लिए भारी बोझ बन चुके हैं। उनके पास न बैल हैं, न ट्रैक्टर, और न ही पैसे कि वे किराए पर भी हल ला सकें। ऐसे में उन्होंने और उनकी पत्नी ने खुद ही बैल की जगह लेने का फैसला किया। यह उनका संघर्ष नहीं, बल्कि एक ज़िंदा हकीकत है।
Viral video: पत्नी बनीं हमसफर, खेत में साथ खींचती हैं हल
अंबादास अकेले नहीं हैं उनकी पत्नी भी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खेत में काम कर रही हैं। यह दृश्य केवल एक दंपती का संघर्ष नहीं, बल्कि देश के लाखों छोटे किसानों की कहानी है, जो बिना किसी सरकारी मदद के, केवल उम्मीद और मेहनत के सहारे अपनी जमीन से जुड़े हैं।
Viral video: प्रशासन और समाज के लिए एक सवाल
इस घटना ने एक बार फिर किसान नीति, आर्थिक सहयोग और स्थानीय मदद की स्थिति को कटघरे में खड़ा कर दिया है। जहां एक तरफ सरकारें कृषि योजनाओं की बात करती हैं, वहीं दूसरी ओर असली ज़मीन पर किसानों की तस्वीर कुछ और ही बयान कर रही है।