Vikram Bhatt Birthday : बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक विक्रम भट्ट का जन्म 27 जनवरी 1969 को हुआ था। उनके नाम पर हर जॉनर की फिल्में दर्ज हैं, लेकिन हॉरर फिल्में उनकी खास पहचान बन गईं। विक्रम भट्ट ने न केवल हॉरर को मुख्यधारा में लाया, बल्कि इस जॉनर को स्टीरियोटाइप से बाहर निकालकर एक नया स्तर दिया। उनके जन्मदिन के मौके पर जानते हैं उनके करियर और निजी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें।
शुरुआत थ्रिलर और एक्शन फिल्मों से
विक्रम भट्ट ने अपने निर्देशन करियर की शुरुआत थ्रिलर और एक्शन जॉनर की फिल्मों से की। उनकी शुरुआती फिल्मों में ‘मदहोश,’ ‘गुनहगार,’ ‘बंबई का बाबू’ और आमिर खान स्टारर ‘गुलाम’ शामिल हैं। इनमें से ‘गुलाम’ को बॉक्स ऑफिस पर बड़ी सफलता मिली। इसके बाद उन्होंने ‘कसूर’ जैसी थ्रिलर फिल्म भी बनाई, जिसे दर्शकों ने सराहा।
हॉरर फिल्मों के मास्टर
साल 2002 में विक्रम भट्ट ने हॉरर जॉनर की पहली बड़ी फिल्म ‘राज’ बनाई, जिसने दर्शकों के बीच तहलका मचा दिया। यह फिल्म न केवल एक बड़ी हिट साबित हुई, बल्कि हॉरर फिल्मों को एक नई पहचान भी दी। इसके बाद विक्रम भट्ट ने हॉरर जॉनर में लगातार कई सफल फिल्में दीं और उन्हें इस जॉनर का मास्टर माना जाने लगा।
उनकी हॉरर फिल्मों में ‘फियर,’ ‘1920,’ ‘शापित,’ ‘हॉन्टेड थ्रीडी,’ ‘राज थ्रीडी,’ ‘क्रिएचर थ्रीडी,’ ‘राज रीबूट,’ ‘1921,’ ‘गोस्ट,’ और ‘जुदा होगी भी’ शामिल हैं। उनकी फिल्मों की खासियत यह रही कि खूबसूरत और ग्लैमरस हीरोइनों को उन्होंने खतरनाक और डरावने लुक्स में पेश किया, जो दर्शकों को बेहद पसंद आया।
Vikram Bhatt Birthday
हॉरर जॉनर में बदलाव लाने का श्रेय
एक वक्त था जब बॉलीवुड में हॉरर फिल्मों को बी-ग्रेड का माना जाता था। विक्रम भट्ट ने इस धारणा को तोड़ते हुए हॉरर को मुख्यधारा का हिस्सा बनाया। उनकी फिल्मों में डर के साथ-साथ कहानी और किरदारों की गहराई होती थी, जो दर्शकों को प्रभावित करती थी।
स्टाइल और पहचान
विक्रम भट्ट की फिल्मों में ग्लैमर और डर का अनोखा मिश्रण देखने को मिलता है। उनकी हॉरर फिल्मों में हीरोइनों को केंद्रीय भूमिका में रखा जाता है, जो काली शक्तियों और भूत-प्रेतों का शिकार बनती हैं। यह स्टाइल दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय हुआ और उनकी फिल्मों की अलग पहचान बनी।
विक्रम भट्ट ने न केवल हॉरर फिल्मों को बॉलीवुड में मुख्यधारा में जगह दिलाई, बल्कि उन्हें एक नया और सम्मानजनक स्तर भी दिया। उनके निर्देशन की खास शैली और अद्वितीय सोच ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में एक अलग मुकाम दिलाया। उनके जन्मदिन पर, यह कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने भारतीय सिनेमा को हॉरर जॉनर का असली मास्टरपीस दिया है।
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