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UP News: लखनऊ। उत्तर प्रदेश की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने ₹50 करोड़ से अधिक के गबन मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। शाखा ने लखीमपुर खीरी के बहुचर्चित वित्तीय घोटाले के दो मुख्य आरोपियों, रवि देवल और मनीश देवल, को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों के खिलाफ लखीमपुर खीरी के पलिया थाने में 2018 में मामला दर्ज किया गया था, और लंबे समय से फरार चल रहे इन आरोपियों को मंगलवार, 12 अगस्त 2025 को कानपुर नगर के चकेरी थाना क्षेत्र से धर दबोचा गया।
UP News: फर्जी कंपनियों के जरिए ₹50 करोड़ की ठगी
जानकारी के अनुसार, रवि देवल और मनीश देवल ने लखीमपुर खीरी में इन्फोकेयर इन्फ्रन्टल, इन्फोकेयर एग्रो इंडिया लिमिटेड, आईसीसीएफ, और इन्फोकेयर एग्रीकल्चर मल्टी-स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड जैसी कंपनियों के नाम पर शाखाएं खोलकर लोगों को ठगने का जाल बिछाया था। इन कंपनियों ने विभिन्न आकर्षक योजनाओं, जैसे सावधि जमा (एफडी) और आवृत्ति जमा (आरडी), के जरिए निवेशकों से ₹50 करोड़ से अधिक की राशि जमा की। इसके बाद, दोनों आरोपी रकम लेकर फरार हो गए, जिससे सैकड़ों निवेशकों को भारी नुकसान हुआ।
UP News: पलिया थाने में दर्ज हुआ था मुकदमा
इस घोटाले के सामने आने के बाद लखीमपुर खीरी के पलिया थाने में 2018 में मामला क्रमांक 121/2018 दर्ज किया गया था, जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत आरोप लगाए गए थे। बाद में, 5 जुलाई 2021 को शासन के आदेश पर इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई। जांच के दौरान, दोनों आरोपियों, रवि देवल और मनीश देवल, जो कानपुर नगर के हरजेंद्र नगर, लालबंगला, चकेरी के निवासी हैं, को दोषी पाया गया। उनके खिलाफ धारा 409, 420, 467, 468, 471, और 120बी के तहत अतिरिक्त आरोप जोड़े गए।
UP News: लंबे समय से थे फरार, अब गिरफ्तार
ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया कि दोनों भाई, रवि और मनीश, गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार फरार चल रहे थे। खुफिया जानकारी के आधार पर, ईओडब्ल्यू की लखनऊ इकाई ने एक विशेष अभियान चलाकर दोनों को कानपुर नगर के चकेरी क्षेत्र से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद, आरोपियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा।
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