शाला त्यागी बच्चों को शिक्षा से जोड़ने अनूठी पहल

शाला त्यागी बच्चों को शिक्षा से जोड़ने अनूठी पहल

प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंशानुसार अब जिले में ’’बालमित्र कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। उल्लेखनीय कि शाला त्यागी बच्चों को नवीन शिक्षा के क्षेत्र में जोड़ने के लिए बच्चों की पुस्तकालय के साथ बाल-हितैषी

जिला बनाने की पहल की गई है। इस कड़ी में एक दिवसीय दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के द्वारा  मुख्यालय के चितालंका स्थित बालमित्र पुस्तकालय एवं गतिविधि केंद्र का अवलोकन करने के साथ-साथ पठन

पाठन कर रहे बच्चों के साथ बातचीत किया गया। इस दौरान उन्होंने बच्चों को दी जा रही सुविधाओं को देखा और कहा कि जिले के जितने भी शाला त्यागी बच्चे है उन्हें बाल मित्र कार्यक्रम योजना से जोड़ा जाए। जिससे बच्चों का मन

पुस्तकीय ज्ञान की और आकर्षित हो सके। इस मौके पर कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने बताया कि जिले में संचालित बाल मित्र पुस्तकालय एवं गतिविधि केन्द्र अभी तीन विकासखण्ड में प्रारंभ की गई है। जिसमें दंतेवाड़ा विकासखंड में

चितालंका, भोगाम, कवलनार, केशापुर, कुवेर, तुड़पारास, गंजेनार, चितालूर, गमावाड़ा, मटेनार, पंडेवार, कमालूर, कमेली, धुरली को केन्द्र बनाया गया है।

इस प्रकार गीदम विकासखण्ड में छोटेतुमनार, घोटपाल, कसोली-1, बडे़कारली, फरसपाल, बिंजाम, समलूर, बांगापाल, मुचनार, गुड़से तथा

कटेकल्याण विकासखण्ड में गाटम, सूरनार, धनीकरका, बडे़लखापाल, मोखपाल, परेचली, छोटेगुडस, टेटम, तेलम और  गुड़से   को बालमित्र कार्यक्रम गतिविधि केंद्र बनाया गया है।

ज्ञात हो कि ’’बाल मित्र कार्यक्रम’’ दंतेवाड़ा के बच्चों की शैक्षिक, सुरक्षा और विकासात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक अग्रणी पहल है।

जिला प्रशासन और गैर-लाभकारी संगठन ’’बचपन बनाओ’’ के सहयोग से विकसित, यह कार्यक्रम पंचायतों में बाल मित्र पुस्तकालय सह गतिविधि केंद्र (बीएलसीएसी) की स्थापना पर केंद्रित है। ये केंद्र बच्चों के लिए

See also  CG By-Election : कौन होगा उत्तराधिकारी?...चर्चाओं का बाजार गर्म....

शिक्षा के संदर्भ में सुरक्षित, सुलभ स्थान प्रदान करते हैं  इस कार्यक्रम के द्वारा साक्षरता, सामाजिक भावनात्मक विकास और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा। इस पहल के केंद्र में बाल मित्र साथी के रूप में  स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित कर सहयोग लिया जायेगा।

इस प्रकार ये युवा बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करेगें। बाल मित्र फैलोशिप कार्यक्रम के माध्यम से पंचायत स्तर पर बच्चों के पुस्तकालय सह गतिविधि केंद्र की स्थापना का मुख्य उद्देश्य सुलभ साहित्य को हर गांव में उपलब्ध कराना

समग्र शिक्षा पारंपरिक अकादमिक शिक्षा से परे सीखने के स्थानों की पेशकश के अलावा सामुदायिक भागीदारी के तहत बच्चों के विकास में माता-पिता, और स्थानीय समुदायों को शामिल करना, युवा सहभागिता स्थानीय युवाओं को

Dhamtari Crime News : युवक ने पेड़ में फांसी लगाकर की खुदकुशी…

बाल मित्र साथी के रूप में सशक्त बनाने को लक्षित रहेगा। बाल मित्र कार्यक्रम केवल एक शैक्षिक पहल नही है बल्कि यह दंतेवाड़ा के बच्चों के लिए एक उज्जवल भविष्य बनाने के लिए एक परिवर्तनकारी प्रयास है। इस मौके पर  चित्रकोट

विधायक विनायक गोयल, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी, अन्य जन प्रतिनिधि, बस्तर संभाग आयुक्त  डोमन सिंह ,बस्तर आईजी पी. सुंदरराज, डीआईजी दंतेवाड़ा कमलोचन कश्यप, दंतेवाड़ा कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी, दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक गौरव राय उपस्थित रहे।

Share this news

Discover more from ASIAN NEWS BHARAT

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Reply

Subscribe and Follow Us: