
अंडरवर्ल्ड डॉन की डोंगरी : यहां किसका बजेगा डंका जरूर जानें
मुंबई। अंडरवर्ल्ड डॉन की डोंगरी में किसका डंका बजेगा ? यह सवाल हर किसी के जेहन में लगातार कौंध रहा है। बिलकुल सही समझे हम बात कर रहे हैं मुंबई में डॉन के मोहल्ले के नाम से मशहूर डोंगरी क्षेत्र की। कभी यहां हाज़ी मस्तान, करीम लाला तो कभी अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की तूती बोलती थी। ज़रायम की दुनिया का काला कारोबार कभी यहां जोरों पर था। आख़िर क्या है डॉन की डोंगरी के लोगों का मूड आज हम इसी का विश्वलेषण करेंगे –
अंडरवर्ल्ड डॉन की डोंगरी में किसकी बजेगी डुगडुगी :
डोंगरी साउथ मुंबई का वो स्थान है जिसका काफी बड़ा भाग आज भी डॉन के स्थान के नाम से जाना जाता है। यहीं से अंतर्राष्ट्रीय सरगना दाऊद इब्राहिम ने अपने क्राइम के काले कारोबार को खड़ा किया था। हम आपको बता दें कि साल 1960 से 1980 के दौरान बॉलीवुड का डॉन कहे जाने वाले तमाम स्याहपोश अपराधी यहीं से अपने -अपने काले कारोबार चलाया करते थे। ये सभी के सभी कभी डोंगरी के ही रहने वाले थे। इनमें से कई तो यहीं से वो मुंबई के बड़े अंडरवर्ल्ड डॉन भी बनें।
साउथ मुंबई की वो जगह जो किसी वक़्त करीम लाला के क्राइम की एक- एक कारस्तानी की गवाह थी। मुंबई के अंडरवर्ल्ड को “पारसी डॉन” भी कहा जाता था. जिनके सिर पर सट्टा, जुआ, उगाही, हत्या और न जाने कितने क्राइम तमाम थानों में पंजीबद्ध थे। स्थानीय पब्लिक इनके मुख़ालिफ़ खुलकर बोलने से बचती थे, लेकिन आज वहां इन सारी बातों को भुला चुके हैं। अब उनकी बातों को सुनकर तो ऐसा लगता है कि वो अब अपना मन बना चुके हैं और उसमें अब किसी तरह के तबदीली की कोई गुंजाइश नहीं बची है।
किसे कौन दे रहा है टक्कर
वैसे तो डोंगरी का ये पूरा इलाका मुंबादेवी विधानसभा सीट में आता है और यहां का चुनावी मुकाबला शायना एनसी और कांग्रेस के अमीन पटेल के मध्य होने वाला हैं। एक बात और साफ़ कर दें कि इस इलाके में मुस्लिम आबादी बहुत ज्यादा है। पिछले असेम्बली इलेक्शन में यहां से कांग्रेस विजई हुई थी, मगर क्याअबकी बार यहां महाराष्ट्र में चल रही राजनीति का असर पड़ेगा ? वोट ज़ेहाद का नारा कितना कारगर साबित होगा, बस यही जानने के लिए हमारी टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी। बाटेंगे तो काटेंगे के नारे पर जमकर नाराजगी जताई है।
अब जरा स्थानीय लोगों की भी सुनिए
बिलकुल सही बात है जब इस इलाके को लेकर हमारी टीम स्टडी कर रही थी, तो उसने चुनावों के सारे सियासी पत्तों पर भी अपनी नज़र बनाये रखी। एक स्थानीय नागरिक ने कहा कि सपने कभी भी सच नहीं होते हैं। मज़हब के नाम पर ये फिर से बांटने की गलती दोहरा रहे हैं। ऐसे में हमको तो ऐसा नेता चाहिए जो हमारे सुख -दुःख में साथ खड़ा रहे। हमारे साथ मिलकर विकास के काम कर सके।
महाराष्ट्र का वोटकटवा कौन जरूर जानें
वैसे तो इस चुनाव में महायुति और महा विकास अघाड़ी के बीच सीधा मुकाबला है। ऐसे में सवाल उठता है कि ओवैसी जैसे मुस्लिम नेताओं की सियासी तक़रीर अपने -अपने उम्मीदवारों का कितना भला करवा सकेंगी ये देखना दिलचस्प होगा। वैसे भी सियासी मामलों में जल्दी से कोई भविष्यवाणी कर देना एक बचकाना काम है।