
Trump's tariff
Trump’s tariff : नई दिल्ली। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बांग्लादेश से आने वाले टेक्सटाइल उत्पादों पर 35 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले ने वैश्विक कपड़ा बाजार में हलचल मचा दी है। इस फैसले से जहां बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को झटका लगा है, वहीं भारत के सामने एक बड़ा अवसर आ खड़ा हुआ है। बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से टेक्सटाइल सेक्टर पर टिकी हुई है, जो देश के कुल निर्यात का लगभग 80 प्रतिशत है और करीब 40 लाख लोगों को रोजगार देता है। लेकिन अब अमेरिकी बाजार में बांग्लादेशी कपड़े महंगे हो जाने के कारण वहां की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता घट जाएगी और यह उनके उद्योग के लिए एक बड़े संकट का कारण बन सकता है।
Trump’s tariff : दूसरी ओर, भारत इस स्थिति का भरपूर फायदा उठाने की स्थिति में है। भारत पहले से ही दुनिया के सबसे बड़े टेक्सटाइल उत्पादक देशों में शामिल है। यहां पर हर श्रेणी के कपड़े – सस्ते टी-शर्ट से लेकर उच्च गुणवत्ता वाले सूट्स तैयार किए जाते हैं। भारत में स्किल्ड वर्कफोर्स, एडवांस मशीनरी और बड़े पैमाने पर उत्पादन की व्यवस्था पहले से मौजूद है। यही विशेषताएं भारत को वैश्विक टेक्सटाइल बाजार में मजबूती से स्थापित करने की क्षमता रखती हैं।
Trump’s tariff : ट्रंप की टैरिफ नीति के चलते अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स अब बांग्लादेश के विकल्प की तलाश कर रहे हैं और भारत इस खाली स्थान को भरने के लिए सबसे उपयुक्त देश के रूप में उभर रहा है। इस फैसले ने भारत के लिए न सिर्फ निर्यात बढ़ाने बल्कि लाखों नए रोजगार सृजित करने का अवसर भी प्रदान किया है। यदि केंद्र सरकार इस मौके को ध्यान में रखते हुए सही नीतिगत फैसले लेती है, जैसे कि टेक्सटाइल इंडस्ट्री को सब्सिडी, उत्पादन प्रोत्साहन और निर्यात सहायता प्रदान करती है, तो भारत जल्द ही “मेड इन इंडिया” टैग के साथ ग्लोबल मार्केट में टेक्सटाइल हब बन सकता है।
Trump’s tariff : कुल मिलाकर, बांग्लादेश पर लगाया गया यह भारी-भरकम टैरिफ भारत के लिए एक बंपर लॉटरी जैसा साबित हो सकता है। अब यह भारत की उद्योग नीति, रणनीतिक योजना और उत्पादन क्षमता पर निर्भर करता है कि वह इस मौके को किस हद तक स्थायी सफलता में बदल पाता है। आने वाले दिनों में यदि भारत ने यह अवसर सही ढंग से भुनाया, तो निश्चित रूप से दुनिया के कपड़ा बाजार में “भारत की धूम” मचना तय है।