
The royal ride of Baba Mahakal
The royal ride of Baba Mahakal: उज्जैन। धार्मिक नगरी उज्जैन में कल भगवान महाकाल की राजसी (शाही) सवारी निकल जाएगी। परंपरा अनुसार सवारी महाकाल से शाम 4:00 बजे शुरू होगी। सवारी में शामिल होने के लिए देशभर से श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। पिछली सवारियों के अनुभव को देखते हुए महाकालेश्वर मंदिर पुजारी समिति के महामंत्री महेश पुजारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से भगवान महाकाल की सवारी की पालकी के लिए विशेष सुरक्षा की मांग की है। महाकाल मंदिर के पुजारी महेश शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि मंदिर प्रबंध समिति के सुरक्षा अधिकारियों द्वारा पालकी की सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए।
The royal ride of Baba Mahakal: सवारी के दौरान पालकी को चलाने और मूर्ति की सुरक्षा करने में पुजारियों और कहारों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है, जिसके कारण कई बार उन्हें शारीरिक चोट भी आ जाती है। सवारी के दौरान कई भक्त पालकी के पास जाकर भगवान को स्पर्श करने, माला पहनाने और चरण वंदन करने की कोशिश करते हैं, जिससे भगवान की गरिमा को ठेस पहुंचती है। भक्त माला खींचते हैं, कपड़े खींचते हैं। माला पहनाने के दौरान बाबा महाकाल की पगड़ी तक निकल जाने का डर बना रहता है, जो अशोभनीय है।
The royal ride of Baba Mahakal: इससे भगवान के विग्रह को क्षति पहुंचने का खतरा रहता है और अव्यवस्था फैलती है। ऐसी स्थिति में कई बार पुजारी, पुलिस और कहार को चोट भी लग जाती है। पुजारी ने पत्र के माध्यम से मांग की है कि मंदिर समिति के सुरक्षा अधिकारियों की ड्यूटी पालकी के साथ लगाई जाए और यह दायित्व सौंपा जाए कि राजसी सवारी और दशहरे की सवारी में कोई अप्रिय घटना या दुर्घटना न हो।
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