Supreme Court : 'अब बिल्डर नहीं जब्त कर सकते 10% से अधिक राशि', सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
Supreme Court: नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने शुक्रवार को जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। दोनों को 27 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की 34 न्यायाधीशों की पूर्ण कार्यक्षमता बहाल हो गई। जस्टिस पंचोली अक्तूबर 2031 में मुख्य न्यायाधीश बनने की कतार में होंगे और 27 मई, 2033 को सेवानिवृत्त होंगे।
Supreme Court: 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दोनों न्यायाधीशों की पदोन्नति की सिफारिश की थी, लेकिन जस्टिस बीवी नागरत्ना ने जस्टिस पंचोली की नियुक्ति पर असहमति जताई। उन्होंने कहा कि यह नियुक्ति कॉलेजियम की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा सकती है। यह असहमति सुप्रीम कोर्ट में चर्चा का विषय बन गई।
Supreme Court: जस्टिस अराधे (जन्म: 13 अप्रैल, 1964) ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से अपने करियर की शुरुआत की और बाद में जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, तेलंगाना और बॉम्बे हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश रहे। जस्टिस पंचोली (जन्म: 28 मई, 1968) ने गुजरात हाईकोर्ट में अधिवक्ता के रूप में शुरुआत की और 21 जुलाई, 2025 को पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने। इस शपथ ग्रहण ने सुप्रीम कोर्ट की कार्यक्षमता को मजबूत किया, लेकिन कॉलेजियम में मतभेद ने कई सवाल खड़े किए।
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