
शौर्य की पाठशाला : युवाओं के सपनों को लगाते है पंख वह भी बिल्कुल फ्री.....
रायपुर। शौर्य की पाठशाला : अलसुबह जांजगीर -चाम्पा जिले के अकलतरा स्थित मधुवा के मैदान से आ रही बूटों की धमक और तालियों की गड़गड़ाहट सुनकर मत चौंकिए, यहां शौर्य की पाठशाला चल रही है। दूर -दराज के क्षेत्रों से जो भी युवक – युवतियां यहां देश की रक्षा का व्रत लेकर आते हैं। यहां उनके सपनों को धार दी जाती है। आरक्षक प्रदीप यादव, सेना और पुलिस में तैनात जवान छुट्टियों में घर आते हैं तो यहां मार्गदर्शन देकर जाते हैं। यहां से अभी तक 100 से ज्यादा युवक -युवतियों ने पुलिस, आर्मी, आरपीएफ, सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी में ज्वाइन किया है।
शौर्य की पाठशाला : मधुवा मैदान जहां बनते है जवान
जांजगीर-चाम्पा के अकलतरा क्षेत्र के मधुवा गांव में देश सेवा के प्रति युवाओं के मन में जज्बा भरा जा रहा है। यहां आरक्षक प्रदीप यादव और सेना के जवानों के माधयम से विभिन्न भर्तियों के लिए युवाओं को निःशुल्क ट्रेनिग दी जा रही है, जहां छग के कई जिलों के युवा बढ़-चढ़कर प्रशिक्षण लेने पहुंच रहे हैं। इस प्रशिक्षण में उन्हें भर्ती से संबंधित हर बारीकी बताई जा रही है। इसके साथ ही, लिखित परीक्षा के लिए भी ट्रेनिंग दी जा रही है।
सौ से ज्यादा लोग पा चुके हैं फ़ोर्स में नौकरी
यहां से अब तक 100 से ज्यादा युवाओं का विभिन्न भर्तियों में चयन हो चुका है। जो देश सेवा में अपना योगदान दे रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि यहां चयनित जवान छुट्टी लेकर आते हैं और ट्रेनिंग देते हैं। कलेक्टर आकाश छिकारा ने भी एकेडमी का भ्रमण किया था और जानकारी ली थी।
मधुवा मैदान में सुबह -सुबह लेफ्ट -राइट कर रहे युवाओं ने बताया कि यहां उन्हें हर बारीकी बताई जा रही है, जैसे गोला फेंक, हाई जम्प, लॉन्ग जम्प, दौड़ अन्य गतिविधियों के बारे में बारीकी से ट्रेनिग दी जाती है। इससे उनके फिजिकल ट्रेनिंग में काफी सुधार हुआ है, उन्हें लिखित परीक्षा की भी तैयारी कराई जा रही है। इससे भी उन्हें लाभ हो रहा है। इस तरह उन्हें विभिन्न भर्तियों में सफलता मिल रही है।
कौन लगा रहा युवाओं के सपनों को परवाज़
दरअसल आरक्षक प्रदीप यादव ने इसकी शुरुआत 2006 में की थी। उस दौरान में यहां केवल 2-3 युवाओं को ट्रेनिंग दी जाती थी, लेकिन आज लगभग 300 युवाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है. जो छग के जांजगीर-चाम्पा जिले के अलावा सारंगढ़-बिलाईगढ़, मुंगेली, बिलासपुर, जशपुर, कोंडागांव, बस्तर सहित अन्य जिलों से पहुंचे हैं। यहां हर साल चयन होने वाले युवाओं की संख्या बढ़ती जा रही है और चयनित जवान ही छुट्टी लेकर आते हैं और युवाओं को ट्रेनिग देते हैं। आरक्षक प्रदीप यादव का भगीरथ प्रयास रंग लाया, जहां कभी युवाओं को तलाशना पड़ता रहा होगा, वहीं युवक और युवतियों की भीड़ जमी हुई है। ये सभी देश सेवा का जज्बा लेकर मधुवा मैदान पर पहुंचे हैं। तो वहीं इनके प्रशिक्षक प्रदीप यादव की शौर्य की पाठशाला में इन सभी को अटूट विश्वास है। तभी तो यहां अलसुबह से ही इनके सपनों को धार दी जा रही है ?