Ratha Saptami : हिंदू पंचांग के अनुसार, रथ सप्तमी व्रत हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान सूर्यदेव को समर्पित होता है और उनकी आराधना से धन-धान्य, सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रथ सप्तमी के दिन सूर्यदेव की उपासना करने से व्यक्ति का भाग्य चमक उठता है और जीवन में उन्नति के अवसर प्राप्त होते हैं।
रथ सप्तमी पर सूर्यदेव को प्रसन्न करने के ज्योतिषीय उपाय
1. सूर्यदेव को अर्घ्य देना
हिंदू धर्म में सूर्यदेव को प्रत्यक्ष देवता माना जाता है। सप्तमी तिथि सूर्यदेव को अत्यंत प्रिय होती है, इसलिए इस दिन प्रातःकाल स्नान कर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
अर्घ्य देने की विधि:
- तांबे के लोटे में जल, लाल चंदन, चावल, लाल फूल और कुश डालें।
- सूर्य की ओर मुख करके कलश को छाती के बीचों-बीच रखें।
- सूर्य मंत्र का जाप करते हुए धीरे-धीरे जल अर्पित करें।
- अंत में लाल पुष्प अर्पित करें।
लाभ: इस उपाय से आयु, आरोग्य, धन-धान्य, यश, विद्या और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
2. रथ सप्तमी पर भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना
रथ सप्तमी के दिन भगवान भास्कर की पूजा करने से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है। इस दिन विशेष रूप से सूर्य मंदिर में दीप जलाना, गाय को चारा खिलाना और सूर्यदेव के मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है।
3. सूर्य मंत्र का जाप करें
रथ सप्तमी के दिन निम्नलिखित मंत्रों का जाप करने से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं:
🔸 ॐ घृणिः सूर्याय नमः
🔸 ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः
लाभ: इन मंत्रों का जाप करने से स्वास्थ्य लाभ, मानसिक शांति और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
4. दान-पुण्य करें
रथ सप्तमी के दिन दान करने से कई गुना अधिक पुण्य फल मिलता है। इस दिन गुड़, गेहूं, तांबा, लाल वस्त्र और तिल का दान करना शुभ माना जाता है।
लाभ: इस उपाय से कर्ज मुक्ति, आर्थिक समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
रथ सप्तमी का पर्व भगवान सूर्य की कृपा पाने का उत्तम अवसर है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा, व्रत और ज्योतिषीय उपाय करने से व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य, स्वास्थ्य और समृद्धि का आगमन होता है। सूर्यदेव की आराधना से भाग्य उदय होता है और जीवन में आने वाली बाधाएं समाप्त होती हैं।
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