
Raipur News
Raipur News: रायपुर: छत्तीसगढ़ के राज्यपाल और सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति रमेन डेका ने राज्य की उच्च शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाते हुए सभी कुलपतियों को दो महीने के भीतर एक विस्तृत शैक्षणिक सुधार योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। यह निर्देश राजभवन में आयोजित एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान दिए गए, जिसमें शासकीय और निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल हुए।
बिना छात्र और शिक्षक वाले कोर्स होंगे बंद
राज्यपाल ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जिन पाठ्यक्रमों में न तो छात्र हैं और न ही शिक्षक, उन्हें तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए। उन्होंने शैक्षणिक संसाधनों के कुशल उपयोग और गुणवत्ता में सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही।
निजी विश्वविद्यालयों के लिए अलग कार्ययोजना
बैठक में मौजूद निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देशित किया गया कि वे प्रबंधन के साथ बैठक कर एक ठोस कार्ययोजना तैयार करें और उसे सितंबर 2025 तक प्रस्तुत करें। इस योजना में पाठ्यक्रम की गुणवत्ता, फैकल्टी दक्षता, और अधोसंरचना सुधारों को शामिल करने को कहा गया है।
UGC नियमों का सख्ती से पालन जरूरी
राज्यपाल डेका ने यह भी निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के मापदंडों और दिशा-निर्देशों का पूरी गंभीरता से पालन किया जाए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि छात्रों के हित को सर्वोपरि रखते हुए विश्वविद्यालयों को अपनी जिम्मेदारियों को निष्ठा से निभाना चाहिए।
डिजिटल पोर्टल का निर्माण होगा
बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि शासकीय और निजी दोनों प्रकार के विश्वविद्यालयों के लिए एक समर्पित डिजिटल पोर्टल विकसित किया जाएगा, जिसमें प्रवेश प्रक्रिया से लेकर अन्य सभी शैक्षणिक गतिविधियों की जानकारी ऑनलाइन अपलोड की जाएगी। इससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सकेगी।
NEP और NAAC ग्रेडिंग पर जोर
राज्यपाल ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के प्रति छात्रों में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही यह भी निर्देशित किया कि जो विश्वविद्यालय राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) की ग्रेडिंग के लिए पात्र हैं, वे अनिवार्य रूप से इस प्रक्रिया में भाग लें।
उपस्थित अधिकारी और सुझाव
बैठक में राज्यपाल के सचिव डॉ. सी.आर. प्रसन्ना और उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारती दासन विशेष रूप से उपस्थित थे। विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने भी शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार से जुड़े सुझाव साझा किए।