
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र : महोबा : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र का जनपद वासियों को सही लाभ मिलता नहीं दिखाई दे रहा है।
महोबा जिला अस्पताल में संचालित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में बाहर की दवाएं बेचने का सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमें में हड़कंप मचा हुआ है।
हालांकि सुर्खियों में आने के बाद औषधि निरीक्षक ने पहली बार जनऔषधि केंद्र का निरीक्षण कर स्टॉक का मिलान कर तय मानक के अनुसार दवाइयों की बिक्री करने के निर्देश संचालक को दिए हैं।
बीते दिनों अपर निदेशक स्वास्थ्य रेखा रानी ने निरीक्षण के दौरान जनऔषधि केन्द्र में बाहर की दवा मिलने पर कड़ी आपत्ति जताई थी जिसके बाद सोमवार को सीएमएस द्वारा किये गए
निरीक्षण के दौरान भी बाहर की दवाएं पाए जाने पर नाराजगी जताई गई थी। सूत्रों की मानें तो जन औषधि केंद्र में बिक्री के लिए रखी बाहर की दवाएं जिला अस्पताल के एक कक्ष में रख दी गई थीं
जो रातोंरात गायब कर दी गईं। जन औषधि केंद्र से निकालकर एक कक्ष में रखी गई दवाइयों को रातों रात गायब करने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
मामला जिला अस्पताल परिसर स्थित जन औषधि केंद्र का है जहां मरीजों को सस्ती दरों पर दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए संचालित की जा रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की
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महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से बाहर की दवाइयां की बिक्री का मामला अपर निदेशक स्वास्थ्य रेखा रानी द्वारा बीते शनिवार को किए गए औचक निरीक्षण में खुलकर सामने आने के बाद से स्वास्थ्य महकमे में हड़कम्प
मचा हुआ है। बता दें कि बीते शनिवार को सदर विधायक राकेश गोस्वामी की शिकायत पर जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंची चित्रकूट धाम मंडल बांदा की
अपर निदेशक स्वास्थ्य रेखा रानी द्वारा जिला अस्पताल के निरीक्षण के दौरान प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में बाहर की दवाइयों की बिक्री होते पाए जाने पर जनऔषधि केंद्र में मौजूद कर्मियों को कड़ी फटकार लगाते हुए बाहर की दवाओं
की बिक्री पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए गए थे। सोमवार को जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर पी.के. अग्रवाल द्वारा भी जन औषधि केंद्र का निरीक्षण किया गया
जिस दौरान उन्होंने भी जन औषधि केंद्र में बाहर की दवाएँ मिलने पर कड़ी नाराज की जाहिर करते हुए बाहर की दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे। तो वहीं सूत्र बताते हैं
कि जिला अस्पताल परिसर स्थित जन औषधि केंद्र से हटाई गई बाहर की दवाइयों को जिला अस्पताल के एक कक्ष में ताला के अंदर बंद करके रखा गया था, जिन्हें रातों-रात संचालक द्वारा गायब कर दिया गया
जो अब चर्चा का विषय बना हुआ है। मामला सुर्खियों में आने के बाद औषधि निरीक्षक द्वारा मंगलवार को जन औषधि केंद्र का निरीक्षण कर दवाओं का मिलान कर संचालक को तय मानक के अनुसार दवाएं बेचने की हिदायत दी गई है।
बाहर की दवाएं पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करने की भी बात औषधि निरीक्षक द्वारा कही गई है। मामले को लेकर सीएमएस ने उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत कराने की
बात कही है। तो वहीं सीएमओ डॉ आसाराम ने भी उक्त मामले का संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की बात कही है। बहरहाल अक्सर विवादों में रहने वाला जिला अस्पताल अब जन औषधि केंद्र में बाहर की दवाओं के नाम पर मरीजों से
हो रही आर्थिक लूट को लेकर सुर्खियों में बना है। ऐसे में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में भी बाहर की दवाओं की बिक्री होने पर आम जनमानस में अस्पताल के प्रति विश्वास टूटता नजर आ रहा है।