प्रयागराज : Prayagraj Mahakumbh 2025 : प्रयागराज के निरंजनी अखाड़े में भव्य आयोजन के दौरान तीन पुरुष और दो महिला संतों को महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की गई। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पट्टाभिषेक किया गया, जिसमें देश के कई प्रतिष्ठित संतों और महापुरुषों की उपस्थिति रही।
Prayagraj Mahakumbh 2025 : महामंडलेश्वर बनने वाले संत
- स्वामी कृष्णानंद पुरी – चंडीगढ़
- स्वामी आदि योगी पुरी – ऋषिकेश, उत्तराखंड
- स्वामी भगवती – मुंबई, महाराष्ट्र
- साध्वी मीरा गिरी – किशनगंज, राजस्थान
- स्वामी आदित्यानंद गिरी – वृंदावन
मुख्य अतिथियों की उपस्थिति
इस आयोजन में निरंजनी पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी और आनंद पीठाधीश्वर स्वामी बालिका नंद गिरी मौजूद रहे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि नवनियुक्त महामंडलेश्वर आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित अखाड़ा परंपरा को आगे बढ़ाने और धर्म रक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
समारोह का आध्यात्मिक महत्व
नवनियुक्त महामंडलेश्वरों ने समारोह के बाद सभी संत महापुरुषों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर धर्म और संस्कृति के संरक्षण, आध्यात्मिक परंपराओं को मजबूत करने और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में चर्चा की गई।
धर्म रक्षा की प्रतिबद्धता
महंत रवींद्र पुरी ने कहा, “महामंडलेश्वर की उपाधि केवल सम्मान नहीं, बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी है। यह उपाधि प्राप्त संत धर्म रक्षा और अखाड़ा परंपरा को आगे बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।”
आयोजन की विशेषताएं
इस भव्य आयोजन ने प्रयागराज में आध्यात्मिकता और धर्म के प्रति लोगों के समर्पण को उजागर किया। नवनियुक्त महामंडलेश्वरों के योगदान से अखाड़ा परंपरा को और सुदृढ़ करने की उम्मीद है।
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