
PM Modi Spoke to Group Captain Shubhanshu Shukla
PM Modi Spoke to Group Captain Shubhanshu Shukla : नई दिल्ली। भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण उस समय दर्ज हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मौजूद भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से वीडियो कॉल के ज़रिए सीधी बातचीत की। यह संवाद न केवल एक तकनीकी उपलब्धि थी, बल्कि देश की वैज्ञानिक प्रगति और अंतरिक्ष क्षेत्र में वैश्विक भागीदारी का भी परिचायक बना।
PM Modi Spoke to Group Captain Shubhanshu Shukla : “यह सिर्फ मेरी नहीं, पूरे देश की यात्रा है” – शुभांशु शुक्ला
प्रधानमंत्री से बातचीत के दौरान ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा “मैं अंतरिक्ष में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं, यह सिर्फ मेरी नहीं, पूरे देश की यात्रा है।” उन्होंने यह भी साझा किया कि वह अपने साथ गाजर का हलुआ और आमरस भी अंतरिक्ष में ले गए हैं, जो भारतीय संस्कृति और स्वाद की अंतरिक्ष में उपस्थिति को दर्शाता है।
PM Modi Spoke to Group Captain Shubhanshu Shukla : पीएम मोदी ने किया गर्व का इज़हार
प्रधानमंत्री मोदी ने इस संवाद को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा किया और शुक्ला के साहस व समर्पण की सराहना की। पीएम ने लिखा कि शुभांशु पूरे भारत की इच्छाओं, उम्मीदों और आकांक्षाओं को अंतरिक्ष में लेकर गए हैं।
PM Modi Spoke to Group Captain Shubhanshu Shukla : 41 साल बाद भारत से अंतरिक्ष में एक और नाम
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय हैं। राकेश शर्मा ने 1984 में भारत का नाम विश्व पटल पर चमकाया था, और अब 41 साल बाद, एक भारतीय फिर से अंतरिक्ष की दुनिया में कदम रख चुका है।
PM Modi Spoke to Group Captain Shubhanshu Shukla : Axiom-4: नासा और ISRO का सहयोग मिशन
Axiom-4 मिशन, जिसमें शुभांशु शामिल हैं, NASA और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोग का परिणाम है।
- शुभांशु 25 जून को तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ स्पेसX के ड्रैगन कैप्सूल से रवाना हुए थे।
- यह मिशन दो सप्ताह तक अंतरिक्ष स्टेशन पर चलेगा।
- इस दौरान 60 वैज्ञानिक प्रयोग किए जाएंगे, जिनमें से 7 का नेतृत्व शुभांशु शुक्ला खुद करेंगे।
PM Modi Spoke to Group Captain Shubhanshu Shukla : वैज्ञानिक उपलब्धि के साथ राष्ट्रीय गौरव
अंतरिक्ष में रहते हुए ग्रुप कैप्टन शुभांशु न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान में जुटे हैं, बल्कि उन्होंने यह साबित किया है कि भारत न केवल टेक्नोलॉजी में सक्षम है, बल्कि वैश्विक स्तर पर नेतृत्व करने की क्षमता भी रखता है।
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