
PM Modi Speech : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस संबोधन में कहा, “आज वो शुभ घड़ी है जब हम देश की आज़ादी के लिए मर मिटने वाले, अपना जीवन समर्पित करने वाले आज़ादी के दीवानों को नमन करने का ये पर्व है।
ये देश उनका ऋणी है। ऐसे हर देशवासी के प्रति हम अपना श्रद्धा भाव व्यक्त करते हैं।”
आजादी के दिवानों ने आज हमें आजादी के इस पर्व में स्वतंत्रता में सांस लेने का मौका दिया…
ऐसे हर महापुरुष के प्रति हम अपना श्रद्धा भाव व्यक्त करते हैं… आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए और राष्ट्र निर्माण के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं औऱ देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास
भी कर रहे हैं… चाहे वह हमारा किसान हो, हमारा जवान हो या हमारे नौजवानों का हौसला हो, हमारी माताओं बहनों का योगदान हो… शोषित पीड़ित, वंचित हो…
स्वतंत्रता के प्रति उसकी निष्ठा, लोकतंत्र के प्रति उसकी श्रद्धा… ये पूरी दुनिया के लिए प्रेरक घटना है… मैं ऐसे सभी को नमन करता हूं।
PM Modi Speech
हमें गर्व हमारी रगों में उनका ही खून है। हमारे पूर्वज सिर्फ 40 करोड़ थे, उन्होंने गुलामी जंजीरों को तोड़ दिया था… हमारे पूर्वजों का खून हमारी रगों में अगर 40 करोड़ गुलामी की बेड़ियाों को तोड़ सकते हैं
तो 140 करोड़ नागरिक अगर संकल्प लेकर चल पड़ें, एक दिशा निर्धारित कर लें, कदम से कदम मिलाकर चल पड़ें तो चुनौतियां कितनी बड़ी क्यों न हो, हर चुनौती को पार करते हुए हम समृद्व भारत बना सकते हैं….
हम 2047 विकसित भारत का संकल्प प्राप्त कर सकते हैं… अगर 40 करोड़ लोग आजाद भारत बना सकते हैं, तो 140 करोड़ उसी भाव से समृद्ध भारत बना सकते हैं….
एक समय था जब लोग देश के लिए मरने के लिए प्रतिबद्ध थे… आज समय है देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता।
इस साल और पिछले कुछ सालों से प्राकृतिक आपदा के कारण हमारी चिंता बढ़ती जा रही है…
इसमें अनेक लोगों ने अपने परिवारजन खोए हैं, अपनी संपत्ति खोई है… राष्ट्र को भी नुकसान हुआ है मैं आज उन सब के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं, उन्हें विश्वास दिलाता हूं ये देश संकट की घड़ी में उनके साथ खड़ा है।
विकसित भारत 2047 यह सिर्फ भाषण के शब्द नहीं है, इसके पीछे कठोर परिश्रम चल रहा है…. लोगों के सुझाव लिए जा रहे हैं… मुझे खुशी है कि करोड़ों नागरिकों ने अनगिनत सुझाव दिए हैं… हर देशवासी का सपना संकल्प उसमें दिख रहा है।
PM Modi Speech
युवा, बुजुर्ग, गांववासी, शहरवासी दलित आदिवासी हर किसी ने 2047 में जब देश आजादी का 100 साल मनाएगा तो उसके लिए अनमोल सुझाव दिए हैं… कुछ लोगों ने कहा- दुनिया की स्किल कैपिटल बनाएं…
किसी ने मैन्यूफैक्चरिंग का ग्लोबल हब का सुझाव दिया… किसी ने यूनिवर्सिटी हब का सुझाव दिया… हमारा स्किल युवा दुनिया की पहली पसंद बनना चाहिए… भारत को जल्द से जल्द हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना चाहिए…
हमारे किसानों के मोटे अनाज को दुनिया के हर डाइनिंग टेबल पर लगाना है… हमारे देश की न्याय व्यवस्था में रिफार्म होने चाहिए… बहुत लोगों ने सपना देखा है- अंतरिक्ष में भारत का स्पेस स्टेशन बनना चाहिए..
हमारी पारंपरिक औषधि को विकसित करना चाहिए… भारत तीसरी इकोनॉमी बनना चाहिए… ये हमारे देशवासियों के सुझाव है।
जब देशवासियों की इतने बड़े सपने हो, उनकी बातों में संकल्प हो तो हमारे भीतर आत्मविश्वास एक नई ऊंचाई पर पहुंच जाता है… ये भरोसा अनुभव से निकला है… ये लंबे कालखंड के परिश्रम से आया है।
जब लालकिले से कहा जाता है हिंदुस्तान के 18 हजार गांवों में समय से बिजली पहुंचाएंगे और काम समय से होता है… तो ये भरोसा बढ़ जाता है… जब स्वच्छ भारत की बात की जाए
तो सभी लोगों के अंदर स्वच्छता का वातावरण बन जाए तो मैं समझता हूं ये भारत के अंदर की नई चेतना का प्रतिबिंब है।
आज हमारे घर में जब 3 करोड़ परिवारों को नल से जल पहुंच रहा है, तो विश्वास बढ़ता है… कौन वंचित थे, इससे दलित, शोषित और गरीब भाई-बहन इन चीजों के अभाव में जी रहे थे…
हमने अनेक ऐसे प्रयास किए हैं, ताकि निचले तबके को सुविधा मिले।
एक समय था कि लोग देश के लिए मरने के लिए प्रतिबद्ध थे…
आज समय है देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का… अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता आज़ादी दिला सकती है तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता समृद्ध भारत भी बना सकती है।
रिन्यूबल एनर्जी का संकल्प लिया, जी 20 देशों ने जितना किया है उससे ज्यादा भारत ने किया है… हम कोरोना को कैसे भूल सकते हैं… हमने दुनिया के करोड़ों लोगों को वैक्सीन दी…
एक समय था जब आतंकवादी मार के चले जाते थे… अब देश की सेना सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करती है तो देशवसियों का सीना चौड़ा हो जाता है।
जब राजनीतिक नेतृत्व की संकल्प शक्ति हो, दृढ विश्वास हो और देश का नागरिक आगे आता है तो हमें निश्चित परिणाम मिलता है…. हम आजादी के बाद दशकों तब ऐसे रहे, होती है चलती है,
हमें क्या करना है, मौका मिला है मौज कर लो, नया करने जाओगे बवाल हो जाएगा… यही माहौल था… लोग कहते थे छोड़ो क्या करना है, हमें इस मानसिकता को तोड़ना है…
कई लोग कहते थे अगली पीढ़ी के लिए काम क्यों करना… अब इसे बदला है… वो रिफॉर्म का इंतजार करता रहा था, हमने रिफॉर्म जमीन पर उतारे।
हमने गरीबों को वंचितों को युवाओं के संकल्प आकांक्षाओं को आकार दिया…. हमारे रिफॉर्म चार दिन की वाहवाही के लिए नहीं है… मैं आज कह सकता हूं कि हमारा रिफॉर्म ग्रोथ का ब्लूप्रिंट है…
हमने राजनतिक मजबूरी के कारण ये नहीं किया… ये राजनीति का भागाकार, गुणाकार करके नहीं किया… ये नेशन फर्स्ट और हमारा भारत महान बने, उस संकल्प के साथ करते हैं।
बैंकिग क्षेत्र का क्या हाल था, न विश्वास बढ़ता था… जो कारनामे हुए बैंक संकट से गुजर रहे थे… हमने रिफॉर्म किया तो दुनिया की मजबूत बैकों में हमारी बैंकों ने स्थान बनाया…
बैंकिंग सेक्टर मजबूत हो तो विकास भी होता है, हमारे नौजवानों को पढ़ाई, विदेश जाने के लिए लोन चाहिए… किसानों को लोन चाहिए, रेहड़ी पटरी वाले भी लोन ले रहे और विकास में भागीदार बन रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले- हमारे देश में आजादी तो मिली, लेकिन लोगों को एक तरह से माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा… आज हमने गर्वनेंस के इस मॉडल को बदला है, आज सरकार खुद लाभार्थी के घर गैस का चूल्हा, पानी बिजली पहुंचाती है।
देश में नई व्यवस्थाएं बन रही हैं… देश को आगे ले जाने के लिए नई पॉलिसी बनाई जा रही है…. इससे देश के सिस्टम पर भरोसा बढ़ता है… आज का नौजवान ये बदलाव देख रहा है…
10 साल में उसके सपनों को धार मिली है… आज दुनियाभर में भारत की साख बढ़ी है… आज दुनिया में युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बने हैं, जो आजादी के इतने सालों बाद नहीं आए थे आज उनके दरवाजों पर दस्तक दे रहे हैं।
मेरे देश का नौजवान इंक्रीमेंटल प्रगति में विश्वास नहीं रखता… वह छलांग मार रहा है… ये गोल्डन एरा है, इसे जाने नहीं देना चाहिए… इसे पकड़कर चल पड़ेंगे तो विकसित भारत का लक्ष्य पूरा कर लेंगे।
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हम दुनिया की बेस्ट प्रैक्टिसिस को आगे रखते हुए बढ़ना चाहते हैं… हर सेक्टर में नएपन की जरूरत है… टेक्नोलॉजी को जोड़ने की जरूरत है… नई नीतियों के चलते यह हो पा रहा है…
हम पूरे सामर्थ्य के साथ चल पड़े, खिल उठे, सपनों को पाकर रहे, सिद्धि को निकट देखें इसे आत्मसात करें इस दिशा में चलना है… मैं जमीनी स्तर की बात कर रहा हूं, हमारी 10 करोड़ बहनें विमेंस सेल्फ ग्रुप से जुड़ी हैं…
महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं। वो परिवार के निर्णय की भागीदार बन रही हैं… हमारे सीईओ दुनियाभर में नाम कमा रहे हैं, तो दूसरी ओर एक करोड़ बहनें लखपति दीदी बनती हैं।
हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बात की है। मौजूदा सिविल कोड एक तरह से कम्यूनल सिविल कोड है। हमारे संविधान की भावना कहती है कि इस विषय पर देश में गंभीर चर्चा हो।
जो कानून धर्म के आधार पर देश को बांटते हैं। ऐसे कानूनी आधुनिक समाज नहीं बनाते। देश में सेक्युलर सिविल कोड होना चाहिए तब जाकर धर्म के आधार पर भेदभाव से मुक्ति मिलेगी।
मैं हमेशा कहता हूं परिवारवाद, जातिवाद भारत के लोकतंत्र को बहुत नुकसान करता है। मैं देख रहा हूं सामने माय भारत दिख रहा है। ये एक मिशन है, हम देश में एक लाख नौजवानों को आगे लाना चाहते हैं
जिनके परिवार में कोई भी राजनीतिक बैकग्राउंड से न हो। ऐसे होरहार नौजवानों को फ्रेश ब्लड, इन्हें राजनीति में लाना है। इसी के चलते परिवारवाद से मुक्ति मिलेगी, वो किसी भी पार्टी में जाएं।
देश में बार-बार चुनाव प्रगति को रोक रहे हैं। हर योजना चुनाव के रंग से रंग दिया गया। सभी दलों ने अपने विचार रखें हैं। एक कमेटी ने रिपोर्ट बनाई। वन नेशन वन इलेक्शन सामने आया है।
इस सपने को साकार करने के लिए सभी राजनीतिक दलों से साथ आने को कहता हूं।
2047 विकसित भारत हमारी प्रतीक्षा कर रहा है। ये देश चलने के लिए प्रतिबद्ध है।
मैं तीसरे टर्म में तीन गुना काम करूंगा। ताकि देश के सपनों को पूरा कर सकूं। मेरा हर पल देश के लिए है, मेरा कण-कण मां भारती के लिए है। इसलिए 24×7 की प्रतिबद्धता के साथ आह्वान करता हूं
सपनों को पूरा करें। 21वीं सदी को स्वर्णिम भारत बना सकें। आपने मुझे जो दायित्व दिया है, उसमें कोई कसर नहीं छोड़ूंगा।
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