मध्यप्रदेश : मध्यप्रदेश में नए संभागों, जिलों और तहसीलों के गठन के लिए परिसीमन आयोग का गठन किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश के आंतरिक नक्शे में बदलाव करना है। आयोग के द्वारा किए गए परिसीमन की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार नई भौगोलिक और प्रशासनिक इकाइयों का गठन करेगी। इस प्रक्रिया से प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे में बड़ा बदलाव होने की संभावना जताई जा रही है।
इसके अलावा, प्रदेश के सबसे बड़े टाइगर रिजर्व, वीरांगना रानी दुर्गावती नौरादेही टाइगर रिजर्व में बसे गांवों का विस्थापन भी किया जा रहा है। इस कार्य में वन विभाग और राजस्व विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। नौरादेही टाइगर रिजर्व मध्यप्रदेश के सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिलों में फैला हुआ है और इस क्षेत्र में कई गांवों का विस्थापन किया जा रहा है। करीब एक साल पहले अस्तित्व में आए नौरादेही टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कई गांव पहले ही विस्थापित हो चुके हैं, लेकिन दमोह जिले के 31 गांव अभी भी टाइगर रिजर्व के अंदर हैं, जिनका विस्थापन अभी बाकी है।
सागर और नरसिंहपुर जिलों में विस्थापन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है, जबकि दमोह जिले में यह प्रक्रिया थोड़ी धीमी है, क्योंकि यहां के ग्रामीण अपने घर छोड़ने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। हालांकि, प्रबंधन का दावा है कि नए साल में इन गांवों का विस्थापन पूरा कर लिया जाएगा। नौरादेही टाइगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 2,339 वर्ग किमी है, जिसमें 1,414 वर्ग किमी का कोर एरिया और 925.12 वर्ग किमी का बफर एरिया है।
डिप्टी डायरेक्टर डॉ. एए अंसारी के अनुसार, विस्थापन की प्रक्रिया में काफी प्रगति हो चुकी है और अब दमोह जिले के गांवों पर फोकस किया जाएगा।
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