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MP News : इंदौर। भारत ने पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अभूतपूर्व कदम उठाया है। बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड (BCML) ने मध्य प्रदेश के इंदौर में देश का पहला बायोप्लास्टिक (पॉलीलैक्टिक एसिड-पीएलए) प्लांट स्थापित किया है। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और सतत विकास के विजन को साकार करने की दिशा में एक मील का पत्थर है, जो सिंगल-यूज प्लास्टिक के खिलाफ लड़ाई में गेम-चेंजर साबित होगा।
MP News : चीनी से बायोप्लास्टिक: पर्यावरण-अनुकूल क्रांति
इंदौर में आयोजित ‘बायो युग ऑन द व्हील्स’ कार्यक्रम में बलरामपुर चीनी मिल्स द्वारा निर्मित बायोप्लास्टिक उत्पादों का प्रदर्शन किया गया, जिसने सभी का ध्यान आकर्षित किया। इंडियन प्लास्ट पैक फोरम के अध्यक्ष सचिन बंसल ने बताया कि गन्ने से प्राप्त चीनी को पॉलीलैक्टिक एसिड (पीएलए) में परिवर्तित किया जाता है, जिससे कटलरी, कप, बोतलें, स्ट्रॉ, खिलौने, फ्लेक्स बैनर और पीपीई किट जैसे पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद बनाए जा सकते हैं। इन उत्पादों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इन्हें उपयोग के बाद मिट्टी में दबाकर आसानी से विघटित किया जा सकता है, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता।
MP News : आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम
पहले पीएलए उत्पादन के लिए कच्चा माल विदेशों से आयात करना पड़ता था, जो महंगा और समय लेने वाला था। इंदौर में स्थापित यह प्लांट भारत को इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा और लागत को काफी हद तक कम करेगा। बलरामपुर चीनी मिल्स की प्रतिनिधि श्वेता सूर्यवंशी ने बताया कि यह प्लांट भारत का पहला औद्योगिक-स्तर का बायो-पॉलीमर प्लांट है, जो देश के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह पहल न केवल प्रदूषण को कम करेगी, बल्कि हरित और स्वच्छ भविष्य की नींव भी रखेगी।
MP News : व्यापक प्रभाव और संभावनाएं
‘बायो युग ऑन द व्हील्स’ कार्यक्रम में उद्योगपतियों, कॉलेज के छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों की बड़ी संख्या में भागीदारी ने इस पहल की गंभीरता और भविष्य की संभावनाओं को रेखांकित किया। यह प्लांट न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान देगा, बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। बायोप्लास्टिक के उपयोग से पारंपरिक प्लास्टिक पर निर्भरता कम होगी, जो भारत के पर्यावरणीय लक्ष्यों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
MP News : हरित भविष्य की नींव
इंदौर का यह बायोप्लास्टिक प्लांट भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह न केवल सिंगल-यूज प्लास्टिक के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर नवाचार और आत्मनिर्भरता को भी प्रोत्साहित करेगा। यह पहल भारत को एक स्वच्छ, हरित और टिकाऊ भविष्य की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।