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मध्य प्रदेश : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश में वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने मध्य प्रदेश को कई वरदान दिए हैं, जिसमें घने वन, वृक्षों की विविधता और वन्य प्राणियों की भी समृद्धता शामिल है। मध्य प्रदेश बाघ, तेंदुआ और घड़ियाल जैसे प्राणियों की सर्वाधिक संख्या वाला प्रदेश है और चीता पुनर्स्थापना के लिए भी यह प्रदेश एकमात्र है।
सीएम डॉ. यादव ने शनिवार, 4 जनवरी से शुरू होने वाले वन्यजीव पर्यटन के नए आयाम के बारे में बताया। वे चंबल अभयारण्य का भ्रमण करेंगे और चंबल नदी के घड़ियाल अभयारण्य की व्यवस्थाओं का अवलोकन करेंगे। उन्होंने कहा कि चंबल नदी में लगभग 85 प्रतिशत घड़ियाल पाए जाते हैं और जनवरी और फरवरी के दौरान घड़ियाल पानी से बाहर आकर आसानी से गिनने योग्य होते हैं।
चंबल अभयारण्य का मुख्य उद्देश्य घड़ियाल, लाल मुकुट वाले कछुए और गांगेय डॉल्फिन जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण करना है। यह अभयारण्य मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के संयुक्त प्रयासों से बनाया गया था और 1978 में वन्यजीव अभयारण्य के रूप में मान्यता प्राप्त की थी।
इस अभियान से मध्य प्रदेश के वन्यजीव पर्यटन को नया मोड़ मिलेगा, और पर्यटकों को चंबल बोट सफारी का अनूठा अनुभव प्राप्त होगा।